नई दिल्ली। भारतीय चरवाहे लद्दाख में LAC पर चीनी सैनिकों से उस समय भिड़ गए, जब उन्हें परंपरागत चरागाह में भेड़ चराने से रोक दिया गया। इस बीच, भारतीय सेना ने भी उनकी मदद की। चरवाहों ने भारतीय सेना को धन्यवाद भी दिया है। दरअसल, गलवान में 2020 में भारतीय सैनिकों और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद चरवाहों ने इस इलाके में भेड़-बकरियों को चराना बंद कर दिया था। लेकिन, लंबे समय बाद जब वे इस पेंगोंग के उत्तरी तट से लगे परंपरागत इलाके में अपने जानवरों को चराने के लिए पहुंचे तो चीनी सैनिकों ने उन्हें रोक दिया।
चरवाहों ने किया पथरावः चीनी सैनिकों की इस हरकत से गुस्साए चरवाहे उनसे भिड़ गए और उनसे स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि यह क्षेत्र भारतीय इलाके में है। हालांकि भारतीय सेना के पहुंचने से विवाद ज्यादा नहीं बढ़ा। जानकारी के मुताबिक चरवाहों ने चीनी सैनिकों के वाहनों पर पथराव भी किया। चुशूल के काउंसलर कोनचोक स्टैंजिन ने चरवाहों का एक वीडियो साझा किया है। इस वीडियो में एक चरवाहा कहता हुआ दिखाई दे रहा है कि हम इलाके में अपनी भेड़-बकरियां चराने आए थे। भारतीय सेना ने हमारी मदद की। भारतीय सेना का धन्यवाद। जय हिन्द... कोंचोक ने भी चरवाहों की मदद के लिए भारतीय सैनिकों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि चरवाहों को सैनिकों की मदद खुशी की बात है। कोंचोक ने अपनी पोस्ट में चरवाहों के कुछ फोटो भी शेयर किए हैं। क्या कहा कांग्रेस ने चीन की सेना के साथ भारतीय चरवाहों के टकराव का एक ताजा वीडियो सामने आया है। जो LAC पर सबकुछ ठीक होने के मोदी सरकार के दावों की पोल खोलता है। जनवरी 2024 के इस वीडियो में दिख रहा है कि PLA के सैनिक बख्तरबंद गाड़ी के साथ चुशुल सेक्टर में पेट्रोलिंग पॉइंट 35 और 36 के पास चरागाह क्षेत्रों तक भारतीय चरवाहों को जाने से रोक रहे हैं, साथ ही उन्हें परेशान भी कर रहे हैं। ये चरागाह उन क्षेत्रों में आते हैं जिन पर भारत का दावा रहा है। ये सब प्रधानमंत्री द्वारा 19 जून 2020 को चीन को क्लीन चिट देने के कारण हुआ है, जिसमें उन्होंने कहा था कि न कोई हमारी सीमा में घुस आया है, न ही कोई घुसा हुआ है। ऐसे में देश के प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि पहले जैसी स्थिति कब और कैसे बहाल होगी?