लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर कर्मचारी संगठन सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में है।पुरानी पेंशन योजना की बहाली, पे रिवीजन, 18 महीने का बकाया डीए-डीआर और ठेका कर्मियों को पक्का करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर कर्मचारी और मजदूर संगठन 16 फरवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल करने जा रहे है। इससे पहले 31 जनवरी को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करते हुए हड़ताल का नोटिस दिया जाएगा। ये है प्रमुख मांगे, फरवरी में करेंगे राष्ट्रव्यापी हड़ताल दरअसल, शनिवार को चंडीगढ़ में विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने सम्मेलन कर हड़ताल की रणनीति बनाई है। इसके तहत कर्मचारी और मजदूर संगठन 16 फरवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ का कहना है कि इस हड़ताल के जरिए पांच साल में पे रिवीजन, 18 महीने के बकाया डीए-डीआर ,खाली पदों को भरने,,पुरानी पेंशन योजना की बहाली और संविदा कर्मचारियों को नियमित करने सहित 7 सुत्रीय मांगों को उठाया जाएगा। एफआईआर वापस लेने की मांग इतना ही नहीं कर्मचारियों ने बिजली कर्मचारियों की चंडीगढ़ में हुई हड़ताल के दौरान पदाधिकारियों पर दर्ज की गई एफआईआर सहित अन्य सभी प्रकार की उत्पीड़न की कार्रवाई को वापस न लेने की मांग की है। लांबा ने कहा कि पांच में से तीन राज्य में मिली जीत से उत्साहित होकर सरकार ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली और आठवें पे कमीशन के गठन से इनकार कर कर्मियों के जले पर नमक छिड़कने का काम किया है। संघ ने आगे कहा कि देश में सरकारी विभागों एवं पीएसयू में 50 लाख से ज्यादा ठेका संविदा कर्मचारी काम कर रहे हैं। सरकार उन्हें न तो नियमित कर रही है और न ही उन्हें समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान कर रही है। हरियाणा में कौशल रोजगार निगम का गठन कर ठेका कर्मचारियों के रेगुलर होने के सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं।