नीमच। विगत 22 जनवरी को अयोध्या में हुए रामलला के भाव प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में संतों की सेवा के लिए नीमच मंदसौर जिले से विश्व हिंदू परिषद के विभाग मंत्री अनुपाल सिंह झाला को बुलाया गया, विगत 15 जनवरी से 25 जनवरी तक श्री झाला ने अयोध्या में संतों के सेवा में समय दिया और नीमच मंदसौर जिले से एकमात्र व्यक्ति अनुपाल सिंह झाला को अयोध्या में हुए श्री राम लाल प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होने का मौका मिला 22 जनवरी की शाम 6:00 बजे उन्हें दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ ।
अनुपाल सिंह झाला अयोध्या से आज नीमच ट्रेन से पहुंचे बड़ी संख्या में विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के पदाधिकारी व कार्यकर्ता रेलवे स्टेशन पहुंचे जहां अनुपाल सिंह झाला का अभिनंदन किया, वे अपने साथ अयोध्या व प्रयागराज के यहां से एकत्र किये गए पांच नदी - सरयू, गंगा, यमुना, सरस्वती, मंदाकनी व हनुमान धारा का पवित्र जल, अयोध्या से श्री राम मंदिर से लाई हुई प्राण प्रतिष्ठा दिवस की प्रसादी व श्री राम मंदिर के उस द्वार जिस पर 7000 सम्मानित दिग्गज संतों के चरण पड़े वह माटी लेकर आये, जिसे मौजूद कार्यकर्ताओं ने शिरोधार्य किया । अनुपाल सिंह झाला ने 22 जनवरी को अयोध्या में हुई प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन के संदर्भ में अपना अनुभव बताते हुए कहा कि अयोध्या में लगभग 6000 की संख्या में सम्मानित संत पहुंचे थे। इतनी बड़ी संख्या में संत केवल 12 साल में एक बार होने वाले कुंभ के मेले में एक साथ नजर आते है, लेकिन 22 जनवरी को ऐसा लग रहा था जिसे अयोध्या में कुंभ का मेला लग रहा हो । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संघ प्रमुख मोहन भागवत और संतों के अतिरिक्त हर बड़े से बड़े राजनेता, अधिकारी, विभिन्न प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों सहित, बड़े उद्योगपति सहित फिल्म सितारो ने भी लाइन में लगकर सामान्य व्यक्ति की तरह दर्शन किए।
अयोध्या पहुंचने वाले सभी मार्ग बंद थे, ट्रेन और बस सुविधा भी बंद थी उसके बावजूद लाखो लोग पैदल अयोध्या पहुंच गए। आयोजन में संत इतने खुश और आनंदित थे कि उन्होंने हमारे देश के करोड़ों देशवासियों को दिल से आशीर्वाद दिया। प्राण प्रतिष्ठा के समय आनंद और भाव विभोर होने के चलते हजारों लोगों की आंखों में आंसू आ गए। कई संतों की आंखों में आंसू आ गए। बड़ी बड़ी दिग्गज हस्तियों की आंखों में आंसू आ गए। अयोध्या में भोजन सहित रुकने की व्यवस्था बहुत बेहतरीन थी। शादी समारोह की तरह, अनेक प्रकार के व्यंजन बने थे। संतो के लिए 6 टेंट नगरों का निर्माण किया गया था, जिसमें से 2 टेंट नगर ऐसे प्रमुख संत गणों के लिए था जो 64 कलाओं में माहिर होते हैं। टेंट भी बहुत विशेष प्रकार से बनाए गए थे जिसमें सारी सुविधाएं मौजूद थी। इसके अतिरिक्त भी अन्य लोगों के लिए नगर बसाए गए । कुल 10 नगर टेंट सिटी के रूप में बसाए गए ।
दान पुण्य में भी लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया, संतों की सेवा में कंबल, भोजन सामग्री व अन्य सामग्री लोगों ने बढ़ चढ़कर दान की। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में संतों की सेवा सहित विभिन्न कार्यों के लिए लगभग 2000 की संख्या में सेवक लगे हुए थे। इसमें से कुछ कार्यकर्ता विगत 3 माह से सेवा दे रहे थे। कुछ 2 महीने से और कुछ विगत 10 दिन से, श्री झाला ने बताया कि मुझे 10 दिन की सेवा का जिम्मा दिया गया । प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव दिवस के रूप में जानकारी देते हुए श्री झाला ने बताया कि सुबह करीब 10:00 बजे सभी आयोजन स्थल पर पहुंच चुके थे, स्वल्पाहार के पश्चात आयोजन की शुरुआत हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम मंदिर के बाद सभी अन्य मंदिरों के भी दर्शन किए फिर मौके पर मौजूद मंदिर के निर्माण कार्य में लगने वाले श्रमिक गणों का पुष्प वर्षा कर अभिनंदन किया। फिर कुछ प्रमुख लोगों से मुलाकात के बाद वे लगभग 2:00 बजे अयोध्या से प्रस्थान कर चुके थे। प्राण प्रतिष्ठा आयोजन संपन्न होने के बाद सबसे पहले संतो ने दर्शन किए जो दोपहर करीब 3:00 बजे तक चले। उसके बाद बड़े राजनेताओं, मुख्यमंत्री गणों, उद्योगपतियो व फिल्म स्टार ने दर्शन किए। करीब 4:30 बजे बाद आम लोगों को दर्शन का मौका मिला श्री झाला ने बताया कि मुझे शाम 6:00 दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ। दर्शन व्यवस्था के बारे में जानकारी देते हुए श्री झाला ने बताया कि मुख्य मूर्ति से लगभग 15 फीट की दूरी से आराम से दर्शन हो पा रहें है। बीते कल के बाद आज बहुत बड़ी तादाद में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे हैं।