नई दिल्ली।भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार डॉ. बीआर अंबेडकर ने कहा था, "संविधान महज एक वकील का दस्तावेज नहीं है, यह जीवन का वाहन है और इसकी आत्मा हमेशा युग की भावना है" । इस संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में देश 75वें गणतंत्र दिवस का जश्न मनाने के लिए तैयार हो रहे हैं, जिसका मुख्य आकर्षण वे झांकियां हैं जो भारत की समृद्ध परंपरा, सांस्कृतिक विरासत, देश की प्रगति और उपलब्धियों के आइने और भारतीय सेना, भारतीय नौसेना व एयर शो भी दिखाती हैं। गणतंत्र दिवस परेड की रिहर्सल और बीटिंग द रिट्रीट समारोह पहले से ही सभी भारतीय राज्यों की राजधानियों में पूरे जोरों पर किया जा रहा है, लेकिन इस वर्ष इसकी तारीख, इतिहास, महत्व और थीम क्या है?
26 जनवरी भारत प्रतिवर्ष 26 जनवरी को अपना गणतंत्र दिवस मनाता है। इस वर्ष यह दिन शुक्रवार को पड़ रहा है। इस बार देश के नागरिक इसे 75वें गणतंत्र दिवस के रूप में मनाएंगे।
इतिहास और महत्व:-
गणतंत्र दिवस 26 जनवरी, 1950 को भारत के संविधान को अपनाने की याद दिलाता है। भारत को 1947 में ब्रिटिश राज से आजादी मिली, लेकिन 26 जनवरी, 1950 तक भारत का संविधान लागू नहीं हुआ था। संविधान सभा का पहला सत्र 9 दिसंबर, 1946 को और आखिरी सत्र 26 नवंबर, 1949 को हुआ और फिर एक साल बाद संविधान को अपनाया गया। डॉ. बीआर अंबेडकर ने संविधान की मसौदा समिति का नेतृत्व किया और इस दिन भारत संविधान दिवस भी मनाता है। गणतंत्र दिवस स्वतंत्र भारत की भावना का स्मरण कराता है क्योंकि इसी दिन 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने औपनिवेशिक शासन से पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी। गणतंत्र दिवस भारतीय नागरिकों की लोकतांत्रिक तरीके से अपनी सरकार चुनने की शक्ति का भी स्मरण कराता है, इसलिए देश इसे भारतीय संविधान की स्थापना के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाता है।
कैसे होता है सेलिब्रेशन?
देश में गणतंत्र दिवस समारोह काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन राष्ट्रपति राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। इसके अतिरिक्त भारत के राष्ट्रपति देश के योग्य नागरिकों को पद्म पुरस्कार वितरित करते हैं। साथ ही बहादुर सैनिकों को परमवीर चक्र, अशोक चक्र और वीर चक्र से सम्मानित किया जाता है। गणतंत्र दिवस परेड का लाइव प्रसारण और वेबकास्ट भी हर साल किया जाता है। ताकि लोग आसानी से परेड को देख सकें। जानें परेड का समय और थीम:- गणतंत्र दिवस 2024 परेड की थीम 'विकसित भारत' और 'भारत - लोकतंत्र की मातृका' है, जो लोकतंत्र के पोषक के रूप में भारत की भूमिका पर जोर देती है। शुक्रवार 26 जनवरी को सुबह 10:30 बजे नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर परेड होगी। इस वर्ष मुख्य अतिथि फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन होंगे और इसलिए फ्रांस से परेड में 95 सदस्यीय मार्चिंग दल और 33 सदस्यीय बैंड दल भी शामिल होंगे।