महान बनना हो तो स्वार्थ नहीं बल्कि पुण्य परमार्थ का कार्य करना होगा - जगतगुरु धीरेंद्राचार्य जी महाराज, श्री राम सीता जी विवाह में उमड़े हजारों श्रद्धालु।

Neemuch headlines January 13, 2024, 6:03 pm Technology

नीमच । संत का धर्म राष्ट्रीय रक्षा करना है हम सुधरेंगे तो युग सुधरेगा। यदि आपको महान बनना है तो स्वार्थ नहीं पुण्य परमार्थ का कार्य करना होगा तो युवा महान बन सकते हैं।

मन की तरंग को मार लो आदत बुरी सुधार लो तो बस हो गया । भजन भगवान राम को सत्य, भगवान कृष्ण को प्रेम और शिव जी को दया और करुणा के रूप में पूजा जाता है यदि तीनों का अनुसरण कर लिया तो आपका घर मंदिर जैसा वृंदावन हो जाएगा। यह बात जगतगुरु स्वामी धीरेंद्राचार्य जी महाराज ने कहीं। वे श्री पंचमुखी बालाजी मंदिर परिवार एवं समस्त भक्तगण कानाखेड़ा के तत्वधान में पंचमुखी बालाजी मंदिर स्थापना दिवस एवं मकर संक्रांति के पावन पर्व के के पावन उपलक्ष्य में श्री राम कथा एवं अखंड रामायण पाठ के मध्य आयोजित धर्म सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि इस दुनिया में तीन तरह के लोग हैं। यशस्वी तपस्वी और मनस्वी ।

यशस्वी लोग वह है जो अपने यश की वृद्धि के लिए नियमित कार्य करते हैं जैसे राजा दशरथ, तपस्वी वह लोग होते हैं जो लक्ष्य प्राप्त करने के लिए तप परिश्रम करते हैं। और मनुष्य और मनस्वी वह है जो अपने केवल प्रयत्न में लगे रहते हैं उनके मन के अनुसार काम हो जाए जैसे राजा जनक थे। भगवान राम में तीनों का समावेश था । अयोध्या में राजाराम है वह रहेंगे आदिकाल तक रहेंगे। राम हमारे प्राण शक्ति है । राम सत्य है। राम की कीमत रावण ने बढ़ाई है क्योंकि विरोध करने वाले कम होते है और धर्म के साथ ज्यादा है इसलिए हमेशा भगवान राम की जय में ही हमारी विजय है परमात्मा को प्राप्त करने के लिए छल कपट छिद्र नहीं बल्कि ज्ञान भक्ति शरणागति चार प्रकार की भक्ति है जिससे प्रसन्न कर सकते हैं।

युवा वर्ग माता-पिता की आज्ञा से हर कार्य करें तो वह संसार में कभी असफल नहीं हो सकता है। माता पिता का आदर करना ही संसार का सर्वोच्च कार्य है। युवा वर्ग श्रवण कुमार के चरित्र को जीवन में आत्मसात करें तो उनके जीवन का कल्याण हो सकता है। महाराज श्री ने राम जी सीता जी विवाह, राजा जनक धनुष बाण तोड़ने हनुमान जी, जटायु, लक्ष्मण, सीता, रावण सहित विभिन्न प्रसंगों के महत्व पर वर्तमान परिपेक्ष्य में महत्व प्रतिपादित किया। राम जी की कथा में गिरदोडा, कानाखेडा खानखेड़ी, मनासा, रेवली देवली सहित विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों के श्रद्धालु भक्त सहभागी बने। महा आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया।

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