रतलाम। मध्यप्रदेश के रतलाम जिले की ताल तहसील अंतर्गत गांव आक्याकला में कथावाचक निकिता श्याम प्रिया के मुखारविंद से श्री भागवत कथा का रसपान कर रहे लोगो में कथावाचक के प्रति भाव और भक्ति में लीन होते दिखाई दिए। कथावाचक के कंठ में मां सरस्वती का वास हो जैसे,और भजनों के साथ नाचते ,झूमते श्रद्धालुओं ने कथा का आनंद लिया, कथावाचक निकिता श्याम प्रिया ने भागवत कथा में वर्णित संसार की रचना से उपस्थित भक्तों को अवगत कराया उन्होंने कहा कि मानव जीवन के कल्याण के लिए तीन मार्ग शास्त्रों में वर्णित है। जिसमें प्रथम भगवान की कथा सुनना भगवान की कथाओं की चर्चा करना एवं आत्म चिंतन करना सर्वश्रेष्ठ है। और यह सब प्राणायाम करने से सहज ही हो जाता है कथा व्यास ने कहा कि जीवन में कितना भी संकट हो भगवान की कथा श्रवण से सभी संकट तत्काल ही मिट जाता है।