नीमच। श्रीमान सुशांत हुद्दार, जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय, जिला नीमच द्वारा चलती हुई मोटरसाईकल से मोबाईल की लूट करने वाले दो आरोपीगण (1) सूरज पिता दिलीप खटीक, उम्र-21 वर्ष एवं (2) शेलेन्द्र पिता बंशीलाल नाथबाबा, उम्र-21 वर्ष, दोनों निवासीगण-ग्राम पड़दा, थाना मनासा, जिला नीमच को धारा 392/34 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 04-04 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000-5000 रू अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाले विशेष लोक अभियोजक श्री चंद्रकांत नाफडे़ द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि फरियादी रामचंद्र बालाई जो कि ग्राम झालरी में प्राथमिक शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं, उन्होंने दिनांक 23.06.2021 को पुलिस थाना नीमच सिटी में उपस्थित होकर रिपोर्ट लेख कराई की वह ग्राम झालरी से स्कूल समाप्त होने के पश्चात् साथी शिक्षक मुकेश भेपारिया के साथ वापस नीमच दिन के लगभग 03 बजे मोटरसाईकल से आ रहे थे। रेवली-देवली बस स्टेण्ड के पास पीछे बैठे फरियादी ने उसकी जेब से वीवो कंपनी का स्मार्ट फोन जैसे ही निकाला तभी पीछे से एक अपाचे मोटरसाईकल पर तीन व्यक्ति आये और पीछे बैठे व्यक्ति ने झपट्टा मारकर फरियादी का मोबाईल छीनकर भाग गये। दोनों ने उनका पीछा किया किंतू वह पकड में नहीं आये, जिस कारण फरियादी ने घटना की रिपोर्ट पुलिस थाना नीमच सिटी पर की, जिस पर से अपराध क्रमांक 300/2021 की प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई। प्रकरण की विवेचना एएसआई आर. एन. दहियॉ द्वारा की गई। विवेचना के दौरान उन्होंने पता लगाया की थाना रामपुरा के एक अपराध में इसी प्रकार की घटना में आरोपीगण को गिरफ्तार किया गया हैं, जिनसे पूछताछ कियें जाने पर उन्होंने अपराध को स्वीकार किया तथा उनके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर लूटे हुए मोबाईल को जप्त किया जाकर शेष आवश्यक अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र नीमच न्यायालय में प्रस्तुत किया गया अपराध की गंभिरता को देखते हुए शासन द्वारा इस प्रकरण को जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण के रूप में चिन्हित किया गया। विचारण के दौरान एक अभियुक्त की उम्र 18 वर्ष से कम होने से उसे बाल अपचारी घोषित कर उससे संबंधित प्रकरण को विचारण हेतु बाल न्यायालय में भेजा गया तथा शेष दोनों आरोपीगण के संबंध में विचारण के पश्चात् उपरोक्त निर्णय पारित किया गया। अभियोजन द्वारा माननीय जिला एवं सत्र न्यायालय, नीमच के समक्ष विचारण के दौरान फरियादी व विवेचक सहित सभी महत्वपूर्ण साक्षीगण के बयान कराकर अभियुक्तगण के विरूद्ध अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराकर घटना की गंभीरता को देखते हुए उनको कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिससे सहमत होकर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपीगण को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्री चंद्रकांत नाफडे़ द्वारा की गई।