जयपुर की विद्याधर नगर सीट से विधायक दीया कुमारी को राजस्थान की उपमुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की गई है। दीया 2013 में पहली बार सवाई माधोपुर सीट से विधायक बनी थीं, जबकि 2019 में उन्होंने राजसमंद सीट से लोकसभा चुनाव जीता था। दीया कुमारी जयपुर की विद्याधरनगर सीट से विधायक निर्वाचित हुई हैं। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के सीताराम अग्रवाल को 71 हजार से भी ज्यादा वोटों से हराया था। 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में यह सबसे बड़ी जीत रही है। वे साल 2013 से 2018 तक सवाई माधोपुर से विधायक रहीं। इसके बाद बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में राजसमंद से चुनावी मैदान में उतारा, वहां से जीत हासिल कर दीया सांसद बनीं। राजस्थान में उनके समर्थक उन्हें पहले से ही वसुंधरा राजे के विकल्प और सीएम पद के दावेदार के तौर पर देख रहे थे। जयपुर के पूर्व राजघराने से है संबंध : दीया कुमारी जयपुर राजघराने से हैं और सवाई भवानी सिंह और रानी पद्मिनी देवी की इकलौती संतान हैं। दीया के दादा मान सिंह (द्वितीय) जयपुर रियासत के आखिरी महाराजा थे। जयपुर राजघराना खुद को भगवान राम का वंशज भी बताता रहा है। 52 साल की दीया कुमारी साल 2013 में बीजेपी में शामिल हुई थीं। परिवार के खिलाफ शादी फिर तलाक भी: दीया कुमारी का 30 जनवरी 1971 में जन्म हुआ। साल 1997 में जब उन्होंने नरेंद्र सिंह नाम के व्यक्ति से शादी का फैसला किया तो खासा हंगामा हुआ था। नरेंद्र सिंह किसी राज परिवार से नहीं थे। दीया के परिवार वाले इस शादी के खिलाफ थे। ऐसे में उन्होंने दिल्ली की एक कोर्ट में शादी कर ली थी। हालांकि करीब 21 साल बाद 2019 में दीया कुमारी और नरेंद्र सिंह का संबंध विच्छेद हो गया। दीया के तीन बच्चे हैं। दो बेटे पद्मनाथ सिंह व लक्ष्यराज सिंह और एक बेटी गौरवी हैं। दिल्ली के मॉडर्न स्कूल, मुंबई के जीडी सोमानी मेमोरियल स्कूल और महारानी गायत्री देवी गर्ल्स पब्लिक स्कूल में दीया कुमारी पढ़ाई हुई। बाद में वे लंदन चली गईं। उन्होंने पारसंस आर्ट एंड डिजाइन स्कूल से साल 1989 में फाइन आर्ट्स डेकोरेटिव पेंटिंग में डिप्लोमा हासिल किया। दीया कुमारी कई स्वयं सेवी संगठनों और सामाजिक संगठनों से जुड़ी हुई हैं। उनमें आई बैंक सोसाइटी ऑफ राजस्थान और एचआईवी+, बच्चों के लिए काम करने वाला एक गैर सरकारी संगठन रेज शामिल है,