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ऐसे हुई बाल दिवस मनाने की शुरुआत, जानिए भारत के पहले PM चाचा नेहरू के बारे में रोचक बातें

Neemuch headlines November 14, 2023, 9:05 am Technology

दिल्ली। अक्सर कहा जाता है कि अगर आप बच्चों को पढ़ने के लिए आठ की बोलते हैं उनको दो घंटे खेलने के लिए भी कहें, ताकि उनका मन एकदम ताजा रहे। वहीं, बच्चों को स्पेशल फील कराने के लिए हमारे देश में प्रतिवर्ष 14 नवंबर को बाल दिवस यानी कि चिल्ड्रेंस डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन स्कूलों में बच्चों के लिए गीत- संगीत और खेलों का आयोजन किया जाता है और बच्चों को गिफ्ट भी दिए जाते हैं। जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन के दिन मनाया जाता है बाल दिवस भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चे प्यार से 'चाचा नेहरू' भी कहते हैं। जवाहरलाल नेहरू का मानना ​​था कि बच्चे किसी भी समाज की मूल नींव होते हैं, इसलिए उनका पालन-पोषण उपयुक्त वातावरण में किया जाना चाहिए और पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के उपलक्ष्य में हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है। संसद से प्रस्ताव पारित कर 14 नवंबर को बाल दिवस मनाने का फैसला लिया गया पंडित जवाहर लाल नेहरू का 27 मई 2023 को निधन हो गया था। उसी वर्ष उनके जन्मदिवस 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाये जाने का फैसला किया गया। पंडित नेहरू को सम्मान देने के लिए संसद में सर्वसम्मति से बाल दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा की गयी और तभी से इस दिन को इस दिन मनाया जा रहा है। बाल दिवस मनाने का क्या है मुख्य उद्देश्य पंडित नेहरू के अनुसार बच्चे ही हमारे समाज का आधार हैं। इसलिए इस दिन को बच्चों के अधिकारों, उनकी देखभाल करने और उनको अच्छी शिक्षा देने के साथ ही लोगों को इस बारे में जानकारी देना ही इसका मुख्य उद्देश्य है। जवाहर लाल नेहरू को सर्वसम्मति से देश का प्रधानमंत्री चुना गया भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। इनके माता जी का नाम स्वरूपरानी नेहरु और पिताजी का नाम मोतीलाल नेहरु था। पंडित मोतीलाल पेशे से बैरिस्टर थे। वहीं, पंडित नेहरू की धर्मपत्नी का नाम कमला नेहरु था। इनकी एक बेटी इंदिरा गांधी थी, जो लाल बहादुर शास्त्री जी की उत्तराधिकारी बनी और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थी। देश की आजादी के बाद जवाहर लाल नेहरू को सर्वसम्मति से देश का प्रधानमंत्री चुना गया। उन्होंने लंबे समय तक देश की सेवा की। विश्व पटल पर भी नेहरू जी को प्रखर नेता कहा जाता था। 27 मई 1964 को चाचा नेहरू पंचतत्व में विलीन हो गए। उनके जन्मदिन पर हर साल बाल दिवस मनाया जाता है।

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