मोहनदास करमचंद गांधी, एक ऐसा नाम जो दुनियाभर में अपने दृढ़ निश्चय, सत्य के लिए अटल-अडिग और अंहिसा के रास्ते पर चलकर विजय हासिल करने के लिए जाना जाता है. उनके जीवन में कई ऊतार-चढ़ाव आए, स्कूल में औसत विद्यार्थी होने के बावजूद उन्होंने भारत में ब्रिटिश शासन को घूटने टेकने पर मजूबर कर दिया था. वह असाधारण बुद्धि और सिद्धांतों वाले व्यक्ति थे. महात्मा गांधी का जीवन और शिक्षाएं सभी उम्र के लोगों, विशेषकर स्कूली छात्रों को प्रेरित करती रहती हैं. भारत में हर साल 02 अक्टूबर को उनके जन्मदिवस को गांधी जयंती के तौर पर मनाया जाता है.
आज उनकी 154वीं जयंती है.
आइये इस मौके पर जानते हैं उनकी वो 5 बातें, जिन्हें सफलता पाने के लिए छात्रों को अपने जीवन में उतार लेना चाहिए.
1. अहिंसा की शक्ति (अहिंसा) गांधीजी द्वारा दी गई सबसे मूल्यवान और स्थायी सीखों में से एक अहिंसा की शक्ति थी, जिसे हम अहिंसा के नाम से भी जानते हैं. महात्मा गांधी ने साबित किया कि शांतिपूर्ण प्रतिरोध महत्वपूर्ण सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन ला सकता है. स्कूली छात्रों को इससे सीखना चाहिए और समझना चाहिए कि अक्सर हिंसा में शामिल हुए बिना भी झगड़ों को सुलझाया जा सकता है.
2. सच्चाई और ईमानदारी सत्य और ईमानदारी महात्मा गांधी द्वारा सिखाए गए बुनियादी मूल्य हैं. स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्रयासों से महात्मा गांधी ने हमें दिखाया कि सत्य की ही जीत होती है. यह उनकी वास्तविक जीवन की कई घटनाओं से साबित भी होता है. गांधीजी ने सत्य का जीवन व्यतीत किया और केवल सत्य की खोज की
3. माफ करना गांधीजी ने हमें सिखाया कि क्षमा करना मजबूत चरित्र का प्रतीक है. कमजोर लोग द्वेष रखते हैं और बदला लेने की योजना बनाते हैं. गांधीजी का मानना था कि माफी एकता पैदा करने का एक तरीका है. उन्होंने महसूस किया कि दूसरों को माफ करके, हम एक साथ आने और हमारे बीच मौजूद मतभेदों को दूर करने में सक्षम हैं.
4. दृढ़ता-धैर्य जब तक किसी चीज को पूरा नहीं किया जाता तब तक वह हमेशा असंभव ही लगता है. जब चीजें मुश्किल हो जाती हैं तो हम अक्सर हार मान लेते हैं. महात्मा गांधी ने अपने जीवन के अनुभवों से हमें दिखाया कि रास्ता चाहे कितना भी कठिन क्यों न हो, दृढ़ता हमें अपने लक्ष्य तक ले जा सकती है. महात्मा गांधी के इस सिद्धांत ने उन्हें भारत को स्वतंत्र कराने के लिए दृढ़ संकल्पित रखा और कभी हार नहीं मानी
5. शिक्षा का महत्व गांधीजी ने व्यक्तिगत विकास और राष्ट्र निर्माण में शिक्षा के महत्व पर जोर दिया. वह ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने सभी के लिए बुनियादी शिक्षा का प्रस्ताव पेश किया और व्यावसायिक अध्ययन को बढ़ावा दिया. छात्रों को यह समझना चाहिए कि शिक्षा सकारात्मक बदलाव का एक शक्तिशाली उपकरण है.