मनासा। सुश्री शिवांगी सिंह परिहार, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, मनासा द्वारा कढ़ाई लौटाने की बात को लेकर पत्थरों से मारपीट कर मोटरसायकल, टी.वी. व घर की गैलेरी में तोडफोड करने वाले 6 आरोपीयों में से एक आरोपी
(1) गोरीलाल पिता मांगीलाल बंजारा, उम्र-53 वर्ष को धारा 323/34 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 06 माह के कारावास एवं कुल 800रू अर्थदण्ड एवं धारा 427 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 03 माह के कारावास एवं 100रू अर्थदण्ड और शेष 05 आरोपीगण
(2) पप्पु पिता सद्दाराम बंजारा, उम्र-28 वर्ष,
(3) श्रवण पिता गोरीलाल बंजारा, उम्र-29 वर्ष,
(4) जगदीश पिता शिवलाल बंजारा, उम्र-32 वर्ष,
(5) शिवलाल पिता मांगीलाल बंजारा, उम्र-63 वर्ष एवं
(6) राकेश उर्फ गब्बा पिता गोरीलाल बंजारा, उम्र-34 वर्ष, सभी निवासीगण-ग्राम-दाता, तहसील-मनासा, जिला-नीमच को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 03-03 माह के कारावास एवं कुल 800-800रू अर्थदण्ड एवं धारा 427 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 03-03 माह के कारावास एवं 100-100 रू अर्थदण्ड से दण्डित किया।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाले एडीपीओ विपिन मण्डलोई द्वारा घटना की जानकारी देते हुवे बताया कि घटना 08 वर्ष पूर्व की होकर दिनांक 27.04.2015 को रात के 9 बजे ग्राम दाता स्थित फरियादी के मकान के सामने की हैं। फरियादी प्रकाश द्वारा थाना कुकडेश्वर में उपस्थित होकर रिपोर्ट लिखाई गई की घटना दिनांक को कढ़ाई लोटाये जाने की बात को लेकर आरोपीगण उससे विवाद करने लगे और उसके साथ पत्थरों से मारपीट करने लगे, जिस कारण उसे, गुड्डीबाई, औंकारलाल और लखन को चोटे आई थी। आरोपीगण द्वारा पत्थर फैंककर मोटरसाईकल, घर में रखे टी.वी. और मकान की गैलरी में भी तोड़-फोड़ की गई। फरियादी की रिपोर्ट पर से आरोपीगण के विरूद्ध थाना मनासा में अपराध क्रमांक 85/15 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई।
पुलिस मनासा द्वारा फरियादी के हुए नुकसान के संबंध में नुकसानी पंचनामा बनाया गया एवं आहतगण का मेडिकल कराये जाने के उपरांत आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र मनासा न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय में फरियादी, आहतगण सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर अपराध को प्रमाणित कराते हुए आरोपीगण को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा आरोपीगण को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया एवं अर्थदण्ड की राशि में से 1000-1000रू प्रत्येक आहत को प्रतिकर के रूप में प्रदान किये जाने का आदेश भी दिया गया।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी विपिन मण्डलोई, एडीपीओ द्वारा की गई।