डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती मनाने के पीछे है बहुत खास वजह, जानें महत्व और इतिहास

Neemuch headlines April 14, 2023, 11:48 am Technology

बाबा साहेब डॉक्टर भीमाराव का जन्मदिवस हर साल 14 अप्रैल को मनाया जाता है. जानते हैं बाबा भीमराव अंबेडकर के बारे में रोचक बातें, इतिहास. डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती मनाने के पीछे है बहुत खास वजह, जानें महत्व और इतिहास संविधान के निर्माता, दलितों के मसीहा और मानवाधिकार आंदोलन के प्रकांड विद्वता बाबा साहेब डॉक्टर भीमाराव अंबेडकर का जन्मदिवस हर साल 14 अप्रैल को मनाया जाता है. डॉ. अंबेडकर की जयंती पर उनके जनकल्याण के लिए किए गए अभूतपूर्व योगदान को याद किया जाता है. बाबा साहेब निचले तबके से तालुक रखते थे. बचपन से ही समाजिक भेदभाव का शिकार हुए. यही वजह थी कि समाज सुधारक बाबा भीमराव अंबेडकर ने जीवन भर कमजोर लोगों के अधिकारों के लिए लंबा संघर्ष किया. महिलाओं को सशक्त बनाया. इस साल बाबा भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती मनाई जाएगी.आइए जानते हैं बाबा भीमराव अंबेडकर के बारे में रोचक बातें, इतिहास.

डॉ. भीमराव अंबेडकर का इतिहास:-

14 अप्रैल 1981 को मध्यप्रदेश के महू में रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई ने अपनी सबसे छोटी संतान को जन्म दिया, जिसका नाम था भिवा रामजी अंबेडकर. बाबासाहेब के नाम से पहचाने जाने वाले आंबेडकर अपने 14 भाई-बहनों में सबसे छोटे थे. डॉ. अंबेडकर अछूत माने जानी वाली जाती महार के थे. ऐसे में वह बचपन से उन्हें भेदभाव और समाजिक दुराव से गुजरना पड़ा।

बाबा साहेब अंबेडकर की उपलब्धि:-

बालपन से ही बाबासाहेब मेधावी छात्र थे. स्कूल में पढ़ाई में काबिल होने के बावजूद उनसे अछूत की तरह व्यवहार किया जाता था. उस दौर में छुआछूत जैसी समस्याएं व्याप्त होने के कारण उनकी शुरुआती शिक्षा में काफी परेशानी आई, लेकिन उन्होंने जात पात की जंजीरों को तोड़ अपनी पढ़ाई पर ध्यान दिया और स्कूली शिक्षा पूरी की. 1913 में अंबेडकर ने अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी से लॉ, इकोनॉमिक्स और पॉलिटिकल साइंस में डिग्री प्राप्त की. उन्होंने भारत में लेबर पार्टी का गठन किया, आजादी के बाद कानून मंत्री बने. दो बार राज्यसभा के लिए सांसद चुने गए बाबा साहेब संविधान समिति के अध्यक्ष रहे. समाज में समानता की अलख जलाने वाले अंबेडकर को 1990 में भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'भारत रत्न' से भी सम्मानित किया गया. क्यों मनाई जाती है

डॉ. भीमराव आंबेडकर जयंती:-

डॉ. भीमराव अंबेडकर ने कमजोर और पिछड़ा वर्ग को समान अधिकार दिलाने, जाति व्यवस्था का कड़ा विरोध कर समाज में सुधार लाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया. यही वजह है कि बाबा साहेब की जयंती को भारत में जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न जैसी सामाजिक बुराइयों से लड़ने, समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है. उन्होंने जाति व्यवस्था का कड़ा विरोध कर समाज में सुधार लाने का काम किया है.

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