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किसान की कृषि भूमि पर पटवारी की मिलीभगत से अवैध कब्जा, पीड़ित लगा रहा न्याय की गुहार,मुख्यमंत्री तक पहुँची शिकायत

Neemuch Headlines March 29, 2023, 2:05 pm Technology

नीमच। जिले की जीरन तहसील के अंतर्गत ग्राम चीताखेड़ा से महज 3 किलोमीटर की दूरी पर एक किसान परिवार की जमीन पर कुछ दबंगों ने जबरन कब्जा किया हुआ है।

उक्त कृषि भूमि ग्राम पंचायत दलपतपुरा के समीप भड़क सनावदा स्थित है। भू माफिया द्वारा गरीब वर्ग के किसान की भूमि पर खम्भे लगाकर कब्जा किया हुआ है।

इस मामले में पीड़ित किसान ने अपनी पीड़ा को मुख्यमंत्री, कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को सुनाते हुए आवेदन दिया।

जिसमें बताया कि मुझ प्रार्थी नारायण पिता गोबरु मेघवाल की आधिपत्य व स्वामित्व की कृषि भूमि ग्राम पंचायत दलपतपूरा के ग्राम भड़क सनावदा तहसील जीरन में सर्वे क्रमांक 43/ 5 रकबा 0.4100 हेक्टेयर सिंचित कृषि भूमि है।

उक्त भूमि पर हल्का पटवारी की मिलीभगत से जबरन कब्जा करवा दिया व रुपये लेकर नामांतरण करवा दिया। कृषि भूमि पर प्रार्थी का विगत 50-60 वर्षों से कब्जा है किंतु विपक्षी गण पूरणमल पिता भेरुलाल छपरी, जीतू पिता पूरणमल छपरी, रामकन्या बाई पति पूरणमल छपरी द्वारा अवैध कब्जा किया जा रहा है.

क्योंकि पूर्व में पटवारी महोदय ने प्रार्थी से 50,000 की मांग भी की थी किंतु मुझ प्रार्थी ने साफ मना कर दिया कि जब जमीन का कब्जा मेरे पास है व राजस्व रिकॉर्ड में मेरे नाम से दर्ज है तो आप कैसे यह जमीन का कब्जा किसी और को सौंप सकते हैं।

मुझ प्रार्थी के काका हुक्मीचंद पिता उदा जाति मेघवाल द्वारा अपने हक व हिस्से की कृषि भूमि को विक्रय किया गया था तथा कब्जा सुपुर्द किया गया था किंतु मैंने अपने मालिकी स्वामित्व व कब्जे की भूमि को विक्रय नहीं किया। उसके बाद भी हुक्मीचंद व विपक्षी गणों ने पटवारी से मिलीभगत कर रिश्वत देकर उक्त भूमि का नामांतरण अपने नाम पर करवा लिया तथा साथ ही खंबे गाड़ दिए गए।

जिसके बाद पूरणमल व जितेंद्र उर्फ जीतू छपरी द्वारा हमारे स्वामित्व की भूमि पर मौजा पटवारी आशीष शर्मा की मिलीभगत से अवैध तरीके से कब्जा कर लिया है। और हमारी कृषि भूमि पर जेसीबी लाकर जबरन 11 पेड़ आम के व 3 पेड़ नीम के गिरा दिए। और हमारे द्वारा विरोध करने पर मारपीट की गई। व गाली गलौज की गई। और खेत पर स्थित झोपड़ी भी गिरा दी।

विपक्षी महिलाओं के द्वारा भी एक शर्मसार घटना को अंजाम दिया खेत पर फूलों के ऊपर पिशाब छिड़क दिया। जिससे भगवान को फूल नही चढ़ा सकते है। पीड़ित किसान द्वारा यह भी बताया गया कि मौजा पटवारी आशीष शर्मा द्वारा 50 हजार की रिश्वत भूमि पर कब्जा नही करवाने के एवज में मांगी गई थी। गरीब किसान परिवार द्वारा इतनी मोटी रकम नही दी गई। जिससे पटवारी ने अवैध तरीके से विपक्षी द्वारा कृषि भूमि पर कब्जा करवा दिया।

गरीब किसान परिवार द्वारा इसका विरोध करने पर विपक्षियों द्वारा मारपीट पर उतारू हो गए और गाली गलौज भी करने लगे जिससे किसान परिवार ने पुलिस को शिकायत की परंतु विपक्षियों को एक दिन में ही छोड़ दिया गया। कई बार किसान परिवार ने कलेक्टर कार्यालय आकर आवेदन देकर न्याय की गुहार भी लगाई परंतु गरीब किसान परिवार को न्याय नहीं मिला।

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