रतनगढ़। जावद के रतनगढ़ क्षेत्र में बेमौसम तीसरी बार आई आफत की बारिश से अन्नदाता किसानो की अफिम,गेहूं एवं ईसबगोल की फसलो को भारी नुकसान हुआ है।
ज्ञात रहे कि इस वर्ष जहां कुछ दिनों पूर्व में हुई बेमौसम ओलावृष्टि एवं बारिश के चलते किसानों की फसलों को हुए भारी नुकसानी का दंश किसान अभी भूल भी नहीं पाए थे।और मुख्यमंत्री की 10 दिनों में मुआवजे की घोषणा के बाद सरकार से मुआवजे की उम्मीद लगाकर बैठे थे।
वहीं दूसरी तरफ जैसे तैसे गेहूं व अफिम की फसल से कुछ उम्मीद अभी भी बची हुई थी। उन उम्मीदों पर भी इंद्रदेव ने आसमान से बारिश एवं ओले रुपी कहर बरसा दिया।अचानक आसमान से मात्र 20 दिनों के अंतराल में तीसरी बार बेमौसम आई आफत की बारिश व जोरदार ओलावृष्टि ने किसानों की सारी उम्मीदों पर पानी फैरकर उनके माथे पर चिंता की भारी लकीरे उभार दी है।
क्षेत्र में अधिकांश किसानों ने अपनी गेहूं की फसल काटकर खेतों में ही छोड़ रखी थी एवं कई अफिम उत्पादक कृषको के खेतो मे अभी भी अफिम की लुनाई, चिराई चल रही है।लेकिन शुक्रवार व शनिवार को तेज बारिश के साथ मक्का,चने एवं छोटे निंबू के आकार की 30 से 40 मिनट हुई जोरदार ओलावृष्टि ने किसानो की रही सही उम्मीदो पर भी पूरी तरह से पानी फैर दिया है।
इस बारिश से जहां किसानों की अफिम, ईसबगोल की फसलो को भारी नुकसान हुआ है।वही खेतो मे पडी गेहूं की फसल मे भी भारी नुकसानी की खबर है। बेमौसम हुई बारिश व ओलावृष्टि से कई किसानों के खेतो मे पूरी तरह से पानी भरा गया है। रतनगढ, लुहारिया जाट, साण्डा, मुकेरा, डाबरिया, काकरिया तलाई, मानपुरा, चामुंडिया, रामनगर, सुठोली, लुहारिया चुंडावत आदि ग्रामीण क्षेत्रों मे नदी नालो तक मे भी पानी आ गया है।