नीमच। नीमच जिला युवा काँग्रेस अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह राठौड़ ने भाजपा सरकार और क्षेत्रीय विधायक पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स की जन्म स्थली, राज्य के सीमावर्ती ऐतिहासिक शहर और जिला मुख्यालय नीमच के चहुँमुखी विकास की महती सम्भावनाओं एवं आवश्यकताओं की लगातार घोर उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से नीमच के सालों से ठिठके पड़े विकास को पुनः गति देकर समय की माँग के अनुरूप आधुनिक स्वरूप प्रदान करने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता से नीमच विकास प्राधिकरण के गठन की माँग की है। यहाँ जारी एक बयान में श्री राठौड़ ने कहा कि आजादी के पहले से ही नीमच की स्वयंसिद्ध महत्ता को देखते हुए अंग्रेजों ने यहां छावनी की स्थापना की थी। स्वतंत्रता संग्राम में भी नीमच का ऐतिहासिक योगदान सर्वज्ञात है।यहाँ निहित विकास की अपार सम्भावनाओं, क्षमताओं और जन-अपेक्षाओं को साकार करने के लिहाज से नगरपालिका स्तर का निकाय प्रभावी सिद्ध नहीं हो सकता है इस हकीकत को अपने समय में काँग्रेस सरकार के तत्कालीन मंत्री और दिग्गज नेता सीताराम जी जाजू ने सबसे पहले ही समझ लिया था। राठौड़ ने कहाँ की जाजूजी ने नीमच के चहुँमुखी सुव्यवस्थित विकास का जज़्बा दिखाते हुए आबादी के मान से पात्रता नहीं होने के बावजूद शासन के नियमों में बदलाव करवाते हुए वर्ष 1956 में ही नीमच सुधार न्यास का गठन करवा दिया था। काँग्रेस सरकार की ओर से नीमच को उस समय के मान से मिली असाधरण उपलब्धि से नीमच के विकास का स्वरूप किस तरह निखरा, आवासीय कॉलोनियां और लोगों को हजारों भूखंड आवंटन, स्टेडियम, तरणताल, गोमाबाईं नेत्रालय, एलआईसी, टेलीफोन एक्सचेंज, बस स्टैंड, हुडको की आवासीय योजनाएँ, शैक्षणिक तथा औद्योगिक विकास के अनेकानेक अनूठे कार्य कैसे साकार हुए है यह सभी के सामने है। राठौड़ ने कहा कि तत्कालीन भाजपा सरकार के रहते नीमच सुधार न्यास में नियुक्त पदाधिकारियों के माध्यम से कितने बड़े पैमाने पर भूखंड आवंटनों में पक्षपात और घोटाले हुए और इसी कारण नीमच सुधार न्यास को भंग करना पड़ा था। इसके बाद सालों से भाजपा के दुष्कर्मो का खामियाज़ा नीमच को भुगतना पड़ रहा है। न्यास के भंग होने के बाद नीमच के विकास की अवधारणा गति एवं संभावनाओं को कैसा विकट ग्रहण लग गया है यह किसी से छुपा हुआ नहीं है। यह शहर और आवाम सालों से किस प्रकार विकास के मापदंडों में पिछड़ रही है यह भी सभी जानते हैं। खासकर आवास एवं मूलभूत सुविधाओं के विस्तार की प्रक्रिया को शहर में लकवा ही मार गया है। आवासी सुविधा के लिए प्रायवेट कॉलोनाइजरों पर निर्भरता से भूखंडों के दाम आसमान छू रहे हैं। नीमच नगर पालिका के नियम और क्षमता अपर्याप्त हैं अतः जरूरत के बावजूद आवासीय क्षेत्रों के विस्तार एवं अन्य कई विकास सम्बन्धी प्रभावी कार्य नहीं हो पा रहे हैं। राठौर ने कहा कि नीमच के जिला मुख्यालय बनने के बाद से ही आवश्यकताएं उत्तरोत्तर बहुमुखी स्वरूप में लगातार फैलती ही जा रही है। आबादी और आबादी क्षेत्र का भी फैलाव होता जा रहा है। राठौर ने कहा कि मध्यप्रदेश में सुधार न्यास भंग करने के नियम के बाद कई नगरों में निवेश एवं विस्तार की संभावनाओं और आवश्यकताओं को देखते हुए नगर पालिका अथवा नगर निगम की क्षमताएं अपर्याप्त लगती रही थी । इस तथ्य को समझते हुए संबंधित क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों ने समय रहते प्रभावी पहल की थी। इसके परिणाम स्वरूप सितंबर 2010 में ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रतलाम, सिंगरौली, कटनी एवं अमरकंटक में विकास प्राधिकरण गठित कर दिए थे ऐसी ही आवश्यकता जिला मुख्यालय नीमच में भी बिल्कुल स्पष्ट रूप से सामने रही है। राठौर ने कहा कि विकासोन्मुख जन अपेक्षाओं और आवश्यकताओं सुस्पष्टता के बावजूद भी हमारे क्षेत्र के विधायक और भाजपा के जिम्मेदार नेताओं ने शहर हित के प्रति तत्कालीन कांग्रेस सरकार और सीताराम जी जाजू जैसा समर्पित योगदान करने में भारी चूक की है ।ध्यान दें कि वर्ष 2003 से अभी तक नीमच क्षेत्र में भाजपा के ही विधायक हैं और बीच में डेढ़ वर्ष की समयावधि के अलावा प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह के नेतृत्व में भाजपा की ही सरकार रही और अभी भी है। कमी रही है तो नीमच के जनप्रतिनिधि की ओर से जो नीमच के हितों के मद्देनजर सही ढंग से पैरवी नहीं कर पाए हैं। राठौड़ ने कहा कि नीमच जिला मुख्यालय होने के साथ यहाँ केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स के रेंज मुख्यालय, एशिया की सबसे बड़ी अफीम एवं अल्कालायड फैक्ट्री देश की अग्रणी कृषि उपज मंडी, नीमच के आसपास सीमेंट और सौर ऊर्जा केंद्रों का भारी विस्तार और भविष्य की औद्योगिक विकास की संभावनाओं के मद्देनजर आवश्यकताओं के अनुरूप चहुँमुखी विकास के विस्तृत प्रारूप को साकार करने प्रबल आवश्यकता है और इसके लिए नीमच नगरपालिका स्तर के निकाय पूरी तरह से अपर्याप्त तथा असक्षम है। राठौर ने कहा कि नीमच के भावी स्वरूप को समय की माँग के अनुरूप अत्याधुनिक आकर देने और भविष्य के दृष्टिगत जन अपेक्षाओं को साकार करने के लिए अब यह बहुत जरूरी है कि नीमच विकास प्राधिकरण का गठन किया जाए। राठौर ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि दो दशकों से चले आ रहे हैं नीमच की घोर उपेक्षा के सिलसिले को अब खत्म करें और क्षेत्र तथा जनता की मांग को ध्यान देते हुए अविलम्ब नीमच विकास प्राधिकरण गठन किया जाए। राठौड़ ने नीमच के विधायक से भी अपील की है कि अकर्मण्यता त्याग कर अब विकास प्राधिकरण के लिए सार्थक प्रयास करें।