नीमच। ग्रामीण परिवेश में शिक्षा के क्षेत्र से आगे निकलते हुए अपनी उपलब्धियों को बढ़ाते हुए डॉ धर्मेंद्र नागदा ने निश्चित तौर पर ग्राम पिपलिया रावजी का नाम रोशन किया है। विगत कई वर्षो से शिक्षा के क्षेत्र में सेवाएं देने वाले शिक्षक रमेश चंद जी नागदा के सुपुत्र डॉ धर्मेंद्र नागदा उदयपुर में शिक्षा के क्षेत्र में सेवाएं दे रहे हैं। वैश्विक महामारी कोरोना काल में भी उनके द्वारा काफी सराहनीय कार्य किए गए इस दौरान विभिन्न संस्थाओं द्वारा डॉ धर्मेंद्र नागदा को सम्मानित किया गया। महाविद्यालय में प्राध्यापक के पद पर कार्य करते हुवे कोविड काल के दौरान ऑनलाइन शिक्षण के माध्यम से विद्यार्थियों को अध्ययन-अध्यापन करवाकर नवाचार करते हुवे लाभान्वित करने का सराहनीय कार्य भी किया गया। जब विश्व की सम्पूर्ण मानवता खतरे में थी उस समय कोरोना अपने चरमत्कोर्ष पर था उस दौरान अपने पैतृक गांव में इस टॉपिक "ऑनलाइन शिक्षण" पर शोधकार्य करने का मानस बनाया। ताकि वर्तमान परिवेश में सबसे प्रासंगिक एवं ज्वलन्त मानते हुए शोधकार्य की रिक्तता देखते हुए इसको मूर्त रूप दिया गया। वैसे भी शिक्षा का क्षेत्र नवाचारों की असीम संभावनाओं का उन्मुक्त आकाश है।
हाल ही में उन्होंने " विद्यालय स्तर पर ऑनलाइन शिक्षण की वस्तुस्थिति समस्याएं एवं अभिधारकों के अभिमत : एक अध्ययन" विषय पर अपने शोध को पूर्ण कर डाक्ट्रेक्ट (पी एच डी) की उपाधि प्राप्त की है। और NEP-2020 भी इस अनुशंसा को करती है कि ऑनलाइन एवं ICT आधारित शिक्षण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। ब्लेंडेड लर्निंग अधारित शिक्षण पर फोकस किया गया है। आपको बता दें ग्राम पिपलिया रावजी के यह पहले पीएचडी धारक व्यक्ति हैं जिन्होंने निश्चित तौर पर जिले भर में गांव को गौरवान्वित किया है।
डॉ धर्मेंद्र नागदा के पीएचडी पूर्ण करने की सुचना मिलते ही इष्ट मित्रों में हर्ष का माहौल है एवं सभी ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए उज्जवल भविष्य की मंगलकामनाएं की है।