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श्री सहस्त्र मुखेश्वर महादेव का मेला बना कमाई का साधन, व्यापारी और आम जनता की जेबो पर पड़ा भार

विनोद पोरवाल February 24, 2023, 8:52 am Technology

कुकडेश्वर। नगर के राजा की राज श्री सहस्त्र मुखेश्वर महादेव का परंपरागत रूप से महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर धार्मिक व कृषि पर आधारित मेला वर्षों से लगता आ रहा है जिसे ग्राम पंचायत सुचारू रूप से संचालित कर लोगों के मनोरंजन एवं खरीददारी के साथ दार्शनिकता के साथ भारतीय संस्कृति के अनुरूप मेल मिलाप के लिए मेला लगाया जाता था। लेकिन नगर परिषद के बनने के बाद मेले का स्वरूप धीरे धीरे-धीरे बदलते बदलते अब मेला कमाई का साधन बन गया नगर परिषद द्वारा मेले में व्यापारियों को दी जाने वाली दुकानों की प्रति वर्ष अनुसार से इस वर्ष 2 से 5 गुना प्लाट की कीमतें बढ़ा दी जिससे मेले में आए व्यापारी ना खुश तो है ही लेकिन व्यापारियों ने अपने माल की कीमतें भी डबल करके आमजन पर उसका प्रभाव डाला पहले तो देशव्यापी आर्थिक मंदी के साथ 2 जून की जुगाड़ में आमजन पिसता जा रहा है वहीं मेले में मनोरंजन एवं बच्चों की बात रखने के लिए मेले में झूला चकरी एवं अन्य खरीदारी के लिए अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है। जिसका आर्थिक बोझ आम जनों पर पड़ रहा है, वहीं मेले में कई विसंगतियां भी रखी गई है लोगों के साथ जो सहयोग मिलना चाहिए वह ना मिल कर लाभ शुभ देखा गया मेले में आए दुकानदारों को किसी को जगह कम किसी को ज्यादा दी गई।

ऐसी कई प्रकार की बातें व्यापारी द्वारा बताए गए वहीं मेले में प्रथम पंक्ति पर मटके वालों के बाद पलंग पेटी आदि के द्वारा काफी जगह घेरली गयी लेकिन मेले का मुख्य मार्ग को संकरा होने पर भी मेला समिति और मेले के कर्मचारियों को बताने के बाद भी ध्यान नहीं दिया गया जिसके चलते आमजन विशेषकर महिलाएं काफी परेशान होती देखी गई वहीं मेले में मनोरंजन के लिए प्रति वर्ष अनुसार इस बार भी एक ही व्यक्ति को टेंडर दिया गया जो भी चर्चा का विषय रहा मेले में आए व्यापारी काफी मायूस देखे गए वह कह रहे इस महंगाई में इतने महंगे प्लांट और उसके बाद भी मेला फीका लग रहा है जिसका मुख्य कारण मेले के 15 दिवस पूर्व प्रचार-प्रसार नहीं किया गया उक्त बातें लोगों ने बताते हुए मांग रखी की मुख्य नगरपालिका अधिकारी मेला समिति एवं अध्यक्ष को इस ओर ध्यान देकर मेले को धार्मिक दार्शनिक बनाना चाहिए ना की कमाई का साधन ऐसी बात नगर में चर्चा का विषय रही एवं मेले में आए दूरदराज के लोगों गांव वासियों और व्यापारियों ने भी इस प्रतिनिधि को बतायी व कहा की महादेव का मेला है इसे दार्शनिक व मनोरंजन के साथ व्यवसायिक बनाये।

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