इतिहास एक बार फिर अपने आप को दोहरा है. भारत के जिस सुनहरे अतीत को बर्बर और मुगल बादशाहों ने अपने तलवार के दम पर मिटाने की कोशिश की थी, वह एक बार फिर पूरे आन-बान-शान के साथ वापस आ रहा है.
आगरा के जिस किले में औरंगजेब ने शिवाजी महाराज को बंदी बनाया था, अब वहीं पर छत्रपति शिवाजी की शौर्यगाथा गूंजेगी.
शिवाजी महाराज की 393वीं जयंती के मौके पर आज यानी रविवार को आगरा के किले में भव्य समारोह होगा, जिसमें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे शामिल होंगे. आगरा किले के दीवान ए आम में होने वाले इस समारोह को आयोजित करने पर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडनवीस ने केंद्र सरकार और यूपी सरकार का आभार जताया है. दिखाई जाएगी छत्रपति शिवाजी की नाटिका इस समारोह में अजिंक्य देवगिरी प्रतिष्ठान महाराष्ट्र की ओर से नाटिका का मंचन भी किया जाएगा.
कार्यक्रम के आयोजक विनोट पाटिल ने बताया कि आगरा किले के दीवान-ए-आम में छत्रपति शिवाजी महाराज ने औरंगजेब के सामने अपनी अस्मिता और स्वाभिमान का प्रदर्शन किया था. उसी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित नाटिका आज आगरा के किले में मंचित की जाएगी. इसके साथ ही किले में दीपोत्सव, डिजिटल आतिशबाजी और भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होगा. इस समारोह में महाराष्ट्र सरकार के आधा दर्जन से ज्यादा मंत्री शामिल होंगे. औरंगजेब ने की थी मारने की कोशिश बताते चलें कि करीब साढ़े तीन सौ साल पहले मुगल बादशाह औरंगजेब ने मुलाकात के बहाने शिवाजी महाराज और उनके बेटे युवराज संभाजी को आगरा के किले में बुलाकर कैद करवा लिया था. औरंगजेब ने उन्हें जान से मारने की साजिश रची थी लेकिन शिवाजी महाराज अपनी चालाकी से वहां से सुरक्षित निकल भागे थे. इस घटना को मराठा इतिहास में बड़े गर्व के साथ याद किया जाता है.
इसीलिए इस किले में छत्रपति शिवाजी जयंती आयोजित किए जाने की मांग उठ रही थी. ASI को देनी पड़ी समारोह की इजाजत हैरानी की बात ये है कि आगरे के इसी किले में आगाखान पुरस्कार से जुड़ा कार्यक्रम और अदनान सामी के कंसर्ट को पहले इजाजत मिल चुकी थी लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज के कार्यक्रम को ASI ने रोक दिया था. आखिरकार अजिंक्य देवगिरि प्रतिष्ठान ने इसके लिए हाई कोर्ट की शरण ली, जिसके बाद ASI को झुकना पड़ा और उसे इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए मंजूरी देनी पड़ी.
ताजमहल से इतनी दूरी पर है आगरा का किला जिस आगरे के किले में आज यह ऐतिहासिक कार्यक्रम होने जा रहा है, वह ताजमहल से ढाई किमी की दूरी पर है. लाल बलुआ पत्थर से बने इस किले का निर्माण वर्ष 1573 ईस्वी में मुगल बादशाह अकबर ने करवाया था. इस किले में पर्ल मस्जिद, दीवान-ए-खास, दीवान-ए-आम, मोती मस्जिद और जहांगीरी महल बने हुए हैं. यूनेस्को ने इस किले को वर्ल्ड हेरिटेज घोषित कर रखा है.