नीमच। श्रीमान् सुशांत हुद्दार, सत्र न्यायाधीश, नीमच द्वारा महिला के साथ बलात्कार करने वाले आरोपी भरत पिता सोहनलाल घावरी, उम्र-50 वर्ष, निवासी-28 पुरानी नगर पालिका, जिला नीमच को धारा 376(2)(ए) भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 10 वर्ष के सश्रम कारावास व 5,000 रू अर्थदण्ड, धारा 366 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 5 वर्ष के सश्रम कारावास व 2000रू अर्थदण्ड, धारा 506(2) भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास व 2000रू अर्थदण्ड व धारा 342 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 6 माह का सश्रम कारावास व 500 रू अर्थदण्ड से दण्डित किया।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाले अपर लोक अभियोजक ईमरान खान द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना दिनांक 29.06.2019 को शाम के लगभग 4 से 7 बजे के बीच थाना नीमच सिटी क्षैत्र में स्थित स्वर्णसागर फार्म हाऊस की हैं। पीडित महिला जिला मंदसौर में रहती हैं तथा उसका विवाह नीमच में हुआ था। पीडिता को ससुराल वालों ने घर से निकाल दिया था, जिस कारण पीडिता ने वर्ष 2014 में भरण-पोषण का दावा न्यायालय में प्रस्तुत किया था, जिसमें पीडिता को भरण-पोषण प्रदान किये जाने का आदेश पारित किया गया था। पीडिता के ससुराल वालों द्वारा भरण-पोषण की राशि का भुगतान नहीं किये जाने के कारण उनके विरूद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था, जिसे लेकर वह दिनांक 19.06.2019 को थाना नीमच सिटी गई थी, जहां पीडिता को आरोपी प्रधान आरक्षक भरत घावरी मिला, जिसको पीडिता ने वारंट दिया तथा आरोपी ने पीडिता से उसका मोबाईल नंबर ले लिया। दिनांक 29.06.2019 को आरोपी ने पीडिता को फोन लगाकर मंदसौर से नीमच बयान लेने के लिए बुलाया, जब पीडिता बस स्टैण्ड पर उतरी तो आरोपी उसे वहीं खड़ा मिला, जिसने पीडिता को थाने ले जाने का बोलकर कार में बिठाया किंतु वह उसे थाने नहीं ले जाते हुए भादवामाता स्थित स्वर्णसागर फार्म हाऊस ले गया जहां उसने पीडिता के साथ बलात्कार कर जान से मारने की धमकी दी। पीडिता द्वारा घटना के संबंध में पुलिस अधीक्षक नीमच को आवेदन दिया गया, जिस पर से आरोपी के विरूद्ध थाना नीमच सिटी में अपराध क्रमांक 327/2019 पंजीबद्ध हुआ। पुलिस नीमच सिटी ने विवेचना के दौरान आरोपी को गिरफ्तार कर शेष आवश्यक अनुसंधान उपरांत अभियोग-पत्र सत्र न्यायालय, नीमच में प्रस्तुत किया।
अभियोजन द्वारा माननीय सत्र न्यायालय के समक्ष विचारण के दौरान पीड़िता सहित सभी महत्वपूर्ण साक्षीगण के बयान कराकर एवं आवश्यक वैज्ञानिक साक्ष्य प्रस्तुत कर आरोपी के विरूद्ध अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराकर घटना की गंभीरता को देखते हुए उसको कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिससे सहमत होकर माननीय सत्र न्यायालय द्वारा आरोपी को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया व संपूर्ण अर्थदण्ड की राशि 9500 रूपये पीडिता को प्रतिकर के रूप में प्रदान किये जाने का आदेश भी पारित किया।
न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक ईमरान खान द्वारा की गई।