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मंदबुद्धी पीड़िता के साथ बलात्कार करने वाले आरोपी को 14 वर्ष का सश्रम कारावास।

Neemuch Headlines October 21, 2022, 6:43 pm Technology

जावद। श्रीमान् अनुज कुमार मित्तल, अपर सत्र न्यायाधीश, जावद के द्वारा मानसिक रूप से अस्वस्थ्य पीड़िता के साथ बलात्कार कर जान से मारने की धमकी देने वाले आरोपी भारतसिंह पिता मनोहरसिंह राजपूत, उम्र-42 वर्ष, निवासी-ग्राम जैतपुरा, जिला-नीमच को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 376(2)(एफ) व धारा 376(2)(एल) में 14-14 वर्ष के सश्रम कारावास व 25,000-25,000रू. अर्थदण्ड व धारा 506(2) में 3 वर्ष के सश्रम करावास व 5,000रू. अर्थदण्ड से दण्डित किया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाले अरविन्द शर्मा, अपर लोक अभियोजक द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना इसी वर्ष दिनांक 10.02.2022 के शाम के लगभग 5-6 बजे थाना जावद क्षैत्र की हैं। पीड़िता मानसिक रूप से अस्वस्थ्य होकर वह घटना दिनांक को आरोपी के घर पर शॉल लेने के लिये गई थी, तभी आरोपी द्वारा पीड़िता की मानसिक अवस्था का लाभ उठाकर डरा-धमकाकर उसके साथ बलात्कार किया और यह बात बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी। इसके बाद से पीडिता डरी-सहमी रहने लगी और दिनांक 16.02.2022 को जब आरोपी पीडिता के सामने आया तो पीडिता आरोपी को देखकर डर के कारण घर के अंदर चली गई। पीड़िता के परिवार के सदस्यों द्वारा पीड़िता से पुछताछ करने पर उसके द्वारा सम्पूर्ण घटना को बताया गया, जिसके बाद आरोपी के विरूद्ध पुलिस थाना जावद में रिपोर्ट लिखाई गई, जिस पर से अपराध क्रमांक 97/2022 पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान आरोपी को गिरफ्तार करके आवश्यक साक्ष्य एकत्रित कर अभियोग पत्र जावद न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा न्यायालय में पीड़िता व उसके परिवार के सदस्यों सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर बलात्कार किये जाने के अपराध को प्रमाणित कराया गया तथा दण्ड के प्रश्न पर तर्क किया गया कि आरोपी द्वारा मंदबुद्धी की युवती के साथ बलात्कार किया गया हैं, जो कृत्य गंभीर प्रकृति का व समाज विरोधी अपराध हैं, जिस कारण आरोपी को कठोर दण्ड से दण्डित किया जाये, जिससे सहमत होकर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया। इसके अतिरिक्त माननीय न्यायालय द्वारा अर्थदण्ड की राशि में से 50,000 रू. प्रतिकर पीड़िता को प्रदान किये जाने का आदेश दिया तथा पीड़िता की मानसिक स्थिति को देखते हुवे उसे विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से मध्यप्रदेश पीड़ित प्रतिकर योजना, 2015 के अंतर्गत उसके समुचित कल्याण व पुनर्वास हेतु भी प्रतिकर प्रदान कराये जाने का आदेश पारित किया गया।

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