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ग्राम बरथुन में श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह का हुआ समापन

Neemuch Headlines August 30, 2022, 6:49 am Technology

कई जन्मों के पुण्य से मिलता है भागवत कथा श्रवण के समापन अवसर : पं. दीपक उपाध्याय नीमच। ग्राम बरथुन में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के व्यास पीठ पर आसीन पं. दीपक उपाध्याय ने कथा के सातवें व अंतिम दिवस के अवसर पर,भगवान के मथुरा आगमन, कंस वध, देवकी-वसुदेव जी को कारावास से मुक्ति एवं माता देवकी एवं भगवान श्रीकृष्ण के मिलन, कृष्ण जी द्वारा राधा जी की परीक्षा, देवकी के नाम यशोदा का संदेश, बृज वासियों, यशोदा एवं राधा की विरह वेदना का उद्धव प्रसंग के माध्यम से सुंदर चित्रण किया गया। कथा की समाप्ति सुदामा चरित प्रसंग की कथाओं को श्रवण कर श्रोताओं को भक्ति रस में सराबोर होने का अवसर मिला। कथा में शास्त्री जी ने पुत्र और मां के बीच के प्रेम के बारे में बताया। इस कथा में उन्होंने बताया किस तरह भगवान जब देवकी जी से मिले और देवकी के अपार प्रेम के बाद वान जब देवकी जी से मिले और देवकी के अपार प्रेम के बाद भी वह अपनी माता यशोदा को नजरअंदाज नहीं कर पाए और भगवान असमजंस में पड़ गए कि वह अपनी दोनो माताओं में से किसके प्रति समर्पित हों। इस पर शास्त्री जी ने कहा कि यदि एक मां अपने हाथ से अपने पुत्र को खाना परोस दे तो वह पुत्र तृप्त हो जाता है। ठीक उसी तरह जिस तरह मघा नक्षत्र में पानी के बरसने से पृथ्वी तृप्त होती है। कथा के अगले संदर्भ में शास्त्री जी ने गौ दान के महत्व के बारे में वर्णन से बताया। उन्होंने बताया कि गौ दान का हमारे जीवन में क्या महत्व है। प्रत्येक प्राणी को जीवन में गौ दान जैसे पुन: कार्य अवश्य करना चाहिए। भागवत कथा के अंतिम दिन श्रोताओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति दर्ज हुई। इस अवसर पर पुरे गांव बरथुन में भव्य शोभायात्रा निकाली गई इस अवसर पर सभी गांववासिय तथा के पृथम नागरिक पृतिनीधी अम्बालाल जी पाटीदार उप संरपच पृतिनिधी दिनेश कुमार माहेश्वरी पुव जनपद सदस्य पृतिनीथी लश्मीनारायण पाटीदार गांव के पटेल वह समस्त राजपूत समाज के सभी वरिष्ठजन माता एवं बहिनें साथ में डी जे नित्य करते हुए चल रहे थै अंत में भगवान श्री राधे कृष्णा मंदिर पर आरती की गई। तथा समस्त ग्राम वासियों का आभार कथा के वरिष्ठ कार्यकर्ता कोमल सिंह चंन्दावत ने व्यक्त किए।

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