भारत के राष्ट्रपतियों के लिहाज से क्यों विशेष है 25 जुलाई का दिन

Neemuch Headlines July 25, 2022, 11:33 am Technology

नई दिल्ली। द्रौपदी मुर्मू ने 25 जुलाई 2022 की सुबह भारत की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।

भारत के राष्ट्रपति के इतिहास में इस दिन का विशेष महत्त्व है। क्योकि मुर्मू 1977 के बाद से अब तक 25 जुलाई के दिन शपथ लेने वाली देश की 10वीं राष्ट्रपति बन गई हैं।

द्रौपदी मुर्मू रामनाथ कोविंद की जगह लेंगी। वैसे देखा जाए तो राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह के लिए हमारे संविधान में कोई लिखित नियम नहीं है। लेकिन, आंकड़े ये बताते हैं कि वर्ष 1977 से लेकर अब तक हर सभी राष्ट्रपतियों ने 25 जुलाई के दिन ही शपथ ली | है। इसके अपवाद भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद और उनके उत्तराधिकारी सर्वपल्ली राधाकृष्णन, जाकिर हुसैन और फखरुद्दीन अली अहमद रहे डॉ राजेंद्र प्रसाद ने पहले गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950, डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने 13 मई, 1962 को शपथ ली। उनके बाद के दो राष्ट्रपति जाकिर हुसैन और फखरुद्दीन अली अहमद, अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके क्योंकि उनकी मृत्यु हो गई, जिसके परिणामस्वरूप मध्यावधि चुनाव इसके बाद नीलम संजीव रेड्डी देश के छठे राष्ट्रपति बने। रेड्डी ने 25 जुलाई 1977 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली। तब से ज्ञानी जैल सिंह, आर वेंकटरमन, शंकर दयाल शर्मा, के आर नारायणन, एपीजे अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटिल, प्रणब मुखर्जी, राम नाथ कोविंद और द्रौपदी मुर्मू सहित सभी राष्ट्रपतियों ने एक ही तारीख को शपथ ली है।

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