इस साल 8 मई यानी आज के दिन मदर्स डे मनाया जा रहा है. ऐसे ही बता दें कि इसके इतिहास के बारे में पता होना जरूरी है.
जानते हैं इनके बारे में...
जब दवा काम न आये तब नजर उतारती हैं, ये माँ हैं साहब हार कहाँ मानती हैं. मां का आँचल अपनी संतान के लिए कभी छोटा नहीं पड़ता. माँ का विश्वास और प्रेम अपनी संतान के लिए इतना गहरा और अटूट होता है कि माँ अपने बच्चे की खुशी के खातिर सारी दुनिया से लड़ सकती है. वो एक अकेली बहुत होती है. मदर्स डे उन सभी माताओं को समर्पित है जो आपकी पहली शिक्षक हैं और एक बच्चे को उसके लक्ष्य की तरफ बढ़ने में मदद करती हैं.
हर साल मदर्स डे मई के दूसरे हफ्ते आने वाले रविवार को मनाया जाता है. इस साल 8 मई यानी आज के दिन मदर्स डे मनाया जा रहा है. ऐसे ही बता दें कि इसके इतिहास के बारे में पता होना जरूरी है. ।
मदर्स डे का इतिहास:-
मदर्स डे का प्राचीन इतिहास काफी रोचक है.इस दिन को लेकर कहा जाता है कि प्राचीन काल में मां के प्रति सम्मान यानी मां की पूजा ग्रीस (यूनान के नाम से भी कई लोग जानते हैं) में प्रारंभ हुआ था.कई लोगों का मानना है कि उस समय के लोग ग्रीस देवताओं की मां को ही सम्मान या पूजा करते थें.हालांकि, इसका कोई पुख्ता जानकारी किसी के पास नहीं है।
पहली बार कब मनाया गया मदर्स डे:-
अकसर लोगों के मन में सवाल आता है कि मदर्स डे कब मनाया गया तो बता दें कि सन् 1908 के आसपास इस दिन को मनाने का विचार आया था. लेकिन 1914 के आसपास इस दिन को मनाने की घोषणा की गई थी. तब से मई महीने की दूसरे हफ्ते के रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है.
आधुनिक दुनिया की बात की जाए तो अमेरिका में सबसे पहले मदर्स डे मनाया गया था.
भारत में मदर्स डे का इतिहास भारत में प्राचीन समय में मदर्स डे को लेकर कुछ खास नहीं होता था, लेकिन पिछले कुछ दशकों से भारत में भी यह दिन बेहद ही पॉपुलर हो चुका है.आज छोटे गांव से लेकर बड़े शहर तक इस दिन को बेहद ही प्यार के साथ सेलिब्रेट किया जाता है.इस दिन भारतीय लोग अपनी-आपनी मां को गिफ्ट देना, यात्रा पर साथ जाना, साथ में डिनर पर जाना आदि चीजें करना पसंद करते हैं. मदर्स डे मई माह के दूसरे रविवार को मनाने के पीछे का कारण मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाने के पीछे भी एक कारण है. हालांकि एक्टिविस्ट एना जार्विस ने भले ही मदर्स डे की नींव रखी है लेकिन मदर्स डे कि औपचारिक रूप से शुरुआत 9 मई 1914 से हुई है.
अमेरिका के राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन ने एक कानून पास किया था. जिसमें उन्होंने लिखा था कि मई महीने के हर दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाएगा.
औपचारिक तौर पर मदर्स डे को प्रत्यक्ष रूप से स्वीकृति अमेरिका राष्ट्रपति ने दी थी. इसी कारण अमेरिका, भारत सहित कई देशों में मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाने लगा.