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आज नवरात्र का आठवां दिन: माँ को प्रसन्न करने के लिए जानें मां महागौरी की पूजा विधि, मंत्र, भोग और कथा

NEEMUCH HEADLINES April 9, 2022, 9:12 am Technology

आज 9 अप्रैल को चैत्र शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि और शनिवार का दिन है।

अष्टमी तिथि देर रात 1 बजकर 23 मिनट तक रहेगी। उसके बाद नवमी तिथि लग जाएगी। 9 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन है। नवरात्रि के आठवें दिन को महाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है ।

आज मां दुर्गा की आठवीं शक्ति माता महागौरी की उपासना की जायेगी । इनका रंग पूर्णतः गोरा होने के कारण ही इन्हें महागौरी या श्वेताम्बरधरा भी कहा जाता है । इनके रंग की उपमा शंख, चन्द्र देव और कन्द के फूल से की जाती है । मां शैलपुत्री की तरह इनका वाहन भी बैल है । इसलिए इन्हें भी वृषारूढ़ा कहा जाता है।

मां महागौरी का स्वरूप :-

इनका ऊपरी दाहिना हाथ अभय मुद्रा में रहता है और निचले हाथ में त्रिशूल है । ऊपर वाले बांये हाथ में डमरू जबकि नीचे वाला हाथ शान्त मुद्रा में है । मां का प्रिय फूल रात की रानी है और राहु ग्रह पर इनका आधिपत्य रहता है। इसलिए राहु संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए महागौरी की पूजा करनी चाहिए। जो लोग अपने अन्न-धन और सुख-समृद्धि में वृद्धि करना चाहते हैं, उन्हें आज महागौरी की उपासना जरूर करनी चाहिए ।

मां महागौरी के लिए मंत्र :-

आज आपको महागौरी के इस मंत्र का 21 बार जप करके लाभ उठाना चाहिए । मंत्र है-

सर्वमङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।

शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोsस्तुते।।

मां महागौरी की पूजा विधि :-

अष्टमी के दिन सुबह सबसे पहले स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें। इसके बाद घर के मंदिर में लकड़ी की चौकी पर महागौरी की प्रतिमा स्थापित करें। मां के आगे दीप जलाएं और फल, फूल, प्रसाद का अर्पण करें।

मां की आरती के बाद कन्या पूजन करें। आज महाअष्टमी के दिन देवी दुर्गा के महागौरी के निमित्त उपवास किया जाता है। लेकिन धर्मशास्त्र का इतिहास चतुर्थ भाग के पृष्ठ- 67 पर चर्चा में ये उल्लेख भी मिलता है कि पुत्रवान व्रती इस दिन उपवास नहीं करते।

साथ ही वह नवमी तिथि को पारण न करके अष्टमी को ही व्रत का पारण कर लेते हैं।

कन्या पूजन का महत्व :-

देवी मां की पूजा के साथ ही कुमारियों और ब्राह्मणों को भोजन भी कराना चाहिए। विशेष रूप से कुमारियों को घर पर आदर सहित बुलाकर उनके हाथ-पैर धुलवाकर, उन्हें आसन पर बिठाना चाहिए और उन्हें हलवा, पूड़ी और चने का भोजन कराना चाहिए। भोजन कराने के बाद कुमारियों को कुछ न कुछ दक्षिणा देकर उनके पैर छूकर आशीर्वाद भी लेना चाहिए। इससे देवी मां बहुत प्रसन्न होती हैं और मन की मुरादें पूरी करती हैं।

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