चिन्हित, जघन्य, सनसनीखेज और गंभीर अपराधों के प्रकरणों में स्क्रूटनी अनिवार्य, गृह विभाग ने जारी किए निर्देश

NEEMUCH HEADLINES February 17, 2022, 12:14 pm Technology

नीमच। माह दिसंबर 2021 में दोषमुक्त हुए चिन्हित प्रकरणों में से रेन्डम आधार पर संचालक, लोक अभियोजन, अतिरिक्त पुलिस (अपराध अनुसंधान विभाग), अपर सचिव, विधि, जिला दण्डाधिकारी, पुलिस अधीक्षक एवं जिला लोक अभियेाजन अधिकारी के साथ विस्तृत समीक्षा हेतु चयनित 10 प्रकरणों की वीडियो कॉन्फ्रेन्स दिनांक 10.02.2022 को समीक्षा करने पर पाया गया कि 10 में से 9 चिन्हित जघन्य, सनसनीखेज और गंभीर अपराधों के प्रकरणों की स्क्रटनी नही करवायी गयी।

इस संबंध में पुलिस रेग्यूलेशन के ’पैरा 518’ एवं ’775 क’ के प्रावधानों के अलावा, मान. उच्चतम न्यायालय के द्वारा गुजरात राज्य विरूद्ध किशन भाई आपराधिक अपील क्रमांक 1485/08 निर्णय 07.01.2014 के पैरा 19 में मान. सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस आशय के निर्देश दिये है कि आपराधिक प्रकरण में मान. विचारण न्यायालय के समक्ष ले जाने से पूर्व ही अभियोजन से स्वतंत्र समीक्षा करवायी जानी चाहिए।

क़पया सर्वसंबंधित से पुलिस रेग्युलेशन के उपरोक्त प्रावधान एवं मान. उच्चतम न्यायालय के उपरोक्त आदेश के क्रम में चिन्हित जघन्य, सनसनीखेज और गंभीर अपराधों के प्रकरणों में आवश्यक रूप से पालन सुनिश्चित कराया जावे।

इस संबंध में गृह विभाग म.प्र. द्वारा आदेश जारी किये गये। जिनकी प्रति पुलिस महानिदेशक म.प्र. पुलिस मुख्यालय भोपाल, संचालक लोक अभियोजन म.प्र. भोपाल, प्रमुख सचिव म.प्र. शासन विधि एवं विधायी कार्य विभाग, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अपराध अनुसंधान विभाग पुलिस मुख्यालय को भेजी गयी।

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