आज क्रिसमस का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। हालांकि ये पर्व ईसाई धर्म के अनुयायियों द्वारा मनाया जाता है लेकिन आजकल इस पर्व को सभी धर्म के लोग मनाते हैं।
खासकर के बच्चों का यह सबसे पसंदीदा त्योहारों में से एक है। मान्यता है कि क्रिसमस की रात सांता क्लॉज़ आएंगे और सभी की मनोकामनाएं पूरी करेंगे। आइए जानते हैं क्रिसमस के पर्व के महत्व और कथा के बारे में-
क्रिसमस का महत्व :-
क्रिसमस का महत्व ईसाइयों के लिए बहुत अधिक होता है। प्रभु यीशु के जन्म के अवसर पर यह त्योहार मनाया जाता है। क्रिसमस का पर्व ईसाइयों में ही नहीं सभी धर्मों में पूरे धूमधाम से मनाया जाता है। बहुत कम लोगों को यह जानकारी होगी की क्रिसमस का पर्व 1 दिन का नहीं बल्कि पूरे 12 दिन का पर्व है और यह पर्व क्रिसमस की पूर्व संध्या से शुरू हो जाता है।
क्रिसमस ईव यानि क्रिसमस की पूर्व संध्या धार्मिक और गैर-धार्मिक दोनों परंपराओं से जुड़ी है। इन परम्पराओं का मुख्य केंद्र प्रभु यीशु का जन्म है। ईसाई धर्म में भी अपनी विभिन्न संप्रदाय हैं जिनकी अलग परंपराएं हैं। इस दिन रोमन कैथोलिक और एंग्लिकन मिडनाइट मास का आयोजन करते हैं।
लुथेरन कैंडल लाइट सर्विस और क्रिसमस कैरोल के साथ जश्न मनाते हैं। कई एवेंजेलिकल चर्च में शाम की सेवाओं का आयोजन होता है जहां परिवार पवित्र भोज बनाते हैं।
क्यों कहा जाता है मैरी क्रिसमस :-
'हैप्पी क्रिसमस' के बजाय 'मैरी क्रिसमस' कहना कुछ सौ साल पुराना रिवाज है। इसकी शुरुआत, 1534 में दर्ज की गई, जब (1500 के दशक में एक अंग्रेजी कैथोलिक धार्मिक बिशप) ने थॉमस क्रॉमवेल को क्रिसमस पत्र में इसकी रचना की।
वैसे तो मैरी क्रिसमस की जगह हैप्पी क्रिसमस बोलना या लिखना गलत नहीं है। जानकारी के अनुसार 18वीं और 19वीं शताब्दी में लोग क्रिसमस विश करने के लिए एक-दूसरे को हैप्पी क्रिसमस ही कहा करते थे।
इंग्लैंड में बहुत से लोग आज भी मैरी क्रिसमस की बजाए हैप्पी क्रिसमस कहकर ही विश किया करते हैं। सबसे पहले इंग्लैंड के राजा जॉर्ज वी भी इसी शब्द का इस्तेमाल करते थे। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ भी मैरी से ज्यादा हैप्पी शब्द ही पसंद किया करती थीं। साथ ही ब्रिटेन के कई और उच्च वर्ग के लोग भी मैरी की जगह पर हैप्पी शब्द का ही इस्तेमाल किया करते थे।
लेकिन यदि मैरी और हैप्पी शब्द के बीच अंतर की बात करें तो दोनों ही शब्दों को खुशी के इज़हार के लिए ही इस्तेमाल करते हैं लेकिन कुछ जानकारों के अनुसार मैरी शब्द से लोगों की भावनाएं ज्यादा जुड़ी हुई हैं।