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क्रिसमस पर्व : गौशाला में जन्मे थे प्रभु यीशू, एक साधारण जन्म के साथ ईश्वर के पुत्र की कहानी

NEEMUCH HEADLINES December 24, 2021, 8:39 am Technology

दुनिया भर में क्रिसमस का त्‍योहार धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसी मान्‍यता है कि प्रभु यीशु के जन्‍म की खुशी में ईसाई समुदाय के लोग क्रिसमस का त्‍योहार मनाकर अपनी खुशी जाहिर करते हैं। कहते हैं प्रभु यीशु का जन्‍म गौशाला में हुआ था। जिस तरह जन्माष्टमी में घरों में श्रीकृष्ण की झांकी बनाई जाती है, उसी तरह प्रभु यीशु की याद में कुछ लोग घर में गौशाला बनाते हैं।

इन झांकियों में यीशु की देखभाल करने वाले गडरियों को भी दर्शाया जाता है।

आइए आपको बताते हैं क्रिसमस के इतिहास के बारे में अन्‍य बाते-

ऐसे हुआ था प्रभु यीशु का जन्‍म :-

ईसाइयों के पवित्र ग्रंथ बाइबिल में बताई गई मान्‍यताओं के अनुसार प्रभु यीशु का जन्म इजरायल के शहर बेथलेहेम में 4 ईसा पूर्व हुआ था। यीशु का ताल्‍लुक आरंभ से ही यहूदी धर्म से माना जाता है। उनके पिता का नाम यूसुफ और उनकी मां का नाम मरियम था।

कहते हैं परमात्‍मा का संकेत पाकर यूसुफ ने मरियम से विवाह किया और फिर उनकी संतान हुई और उनका नाम यीशू पड़ गया। माना जाता है कि यीशू और उनके पिता पेशे से बढ़ई थे। बचपन से ही वे पिता के काम में उनका हाथ बंटाते थे। 30 वर्ष की आयु तक आते-आते उन्‍होंने मानवता के कल्‍याण के लिए काम करना शुरू कर दिया और फिर वह जगह-जगह जाकर लोगों को उपदेश देते थे। उनका ऐसा करना यहूदी धर्म के कट्टरपंथियों को अच्‍छा नहीं लगा और उनका विरोध किया जाने लगा। फिर एक दिन उन्‍हें रोमन गर्वनर के सामने पेश किया और उसने उन्‍हें सूली पर चढ़ाने की सजा सुनाई। गुड फ्राइडे के दिन उन्‍हें सूली पर चढ़ा दिया गया।

कहते हैं कि सूली पर चढ़ाए जाने के बाद ईश्‍वर के चमत्‍कार से यीशू फिर से जीवित हो गए और फिर उन्‍होंने ईसाई धर्म की स्‍थापना की।

कब हुई क्रिसमस मनाने की शुरुआत :-

कहते हैं कि पश्चिमी देशों ने चौथी शताब्‍दी के मध्‍य में 25 दिसंबर को क्रिसमस डे के रूप में मनाने की मान्‍यता दी। आधिकारिक तौर पर 1870 में, अमेरिका ने क्रिसमस के दिन फेडरेल हॉलिडे की घोषणा की।

क्यों मनाया जाता है क्रिसमस? :-

क्रिसमस, जीसस क्राइस्‍ट Jesus Christ के जन्म की खुशी में सेलिब्रेट किया जाता है, जिन्हें भगवान का बेटा यानी Son Of God कहा जाता था।

बता दें, क्राइस्‍ट से ही बना है ‘क्रिसमस’। बाइबल (ईसाईयों का पवित्र ग्रंथ) में जीसस क्राइस्‍ट के जन्म की तारीख का कोई जिक्र नहीं है। लेकिन इसके बावजूद भी हर वर्ष 25 दिसंबर के दिन ही उनका बर्थडे मनाया जाता है।

सबसे पहले यहां मनाया गया क्रिसमस :-

कहा जाता है कि 336 ई.पूर्व में रोम के पहले ईसाई सम्राट के दौर में 25 दिसंबर के दिन सबसे पहले क्रिसमस मनाया गया, जिसके कुछ वर्षों बाद पोप जुलियस ने ऑफिशियली जीसस क्राइस्‍ट का जन्मदिवस 25 दिसंबर के दिन मनाने का ऐलान कर दिया।

तब से पश्चिमी देशा में क्रिसमस को हॉलिडे मनाया जाने लगा।

कैसे हुई क्रिसमस ट्री लगाने की शुरुआत :-

हजारों वर्ष पहले उत्तरी यूरोप में क्रिसमस ट्री की शुरुआत हुई। उस वक्त फर नाम के पेड़ को सजाकर यह त्योहार मनाया जाता था। कई लोग चेरी के पेड़ की टहनियों को भी क्रिसमस के दौरान सजाते थे। लेकिन जो लोग क्रिसमस ट्री खरीदने में असमर्थ होते थे, वो लकड़ी को पिरामिड की शक्ल देकर क्रिसमस मनाते थे।

लेकिन वक्त के साथ क्रिसमस ट्री का चलन बढ़ता गया। अब हर व्यक्ति क्रिसमस ट्री लाता है और उसे चॉकलेट्स, खिलौनों, लाइट्स और तोहफों से सजाता है। कहते हैं कि क्रिसमस ट्री पर घंटिया लगाने और उसे खूबसूरती के साथ सजाने से घर से बुरी शक्तियां दूर रहती हैं।

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