लापरवाहीपूर्वक दू पहिया वाहन चलाकर टक्कर मारने वाले आरोपी को 06 माह का सश्रम कारावास और जुर्माना

neemuch headlines December 6, 2021, 8:45 pm Technology

नीमच। सदाशिव दांगौडे़, ग्राम न्यायाधिकारी, ग्राम न्यायालय, जिला-नीमच द्वारा आरोपी हेप्पी उर्फ पिंटू पिता भारतलाल साल्वी, उम्र-36 वर्ष, निवासी-देवनारायण मंदिर के पास, कनावटी, जिला नीमच को बिना वैध बीमा व लाईसेंस के तेजगति व लापरवाहीपूर्वक मोटर साईकल चलाकर टक्कर मारते हुए एक व्यक्ति को गंभीर चोट पॅहुचाने के आरोप का दोषी पाकर भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 338 व 279 में 06 माह के कठिन कारावास एवं कुल 2000 रू. जुर्माने से दण्डित किया।

श्रीमती कीर्ति शर्मा, एडीपीओ द्वारा घटना की जानकारी देते हुुए बताया कि घटना दिनांक 28.02.2017 की रात के लगभग 8 बजे होली चैक, कनावटी की हैं। फरियादी श्यामलाल दुध डेयरी पर दुध लेने के लिए पैदल-पैदल जा रहा था कि पीछे से आरोपी ने तेजगति से लापरवाहीपूर्वक मोटर साईकल चलाते हुए फरियादी को टक्कर मार दी, जिस कारण वह गिर गया व उसके शरीर पर गंभीर चोटे आई।

मौके पर उपस्थित मोतीलाल व विशाल ने घटना देखी थी, जिन्होेने फरियादी को अस्पताल पहुॅचाया, जहाॅ आरोपी आया था और उसने फरियादी से कहा की वह उसका ईलाज करा देगा एवं उपचार के खर्च का भुगतान कर देगा, किंतु आरोपी द्वारा ऐसा नहीं करने के कारण फरियादी के द्वारा दिनांक 11.03.2017 को आरोपी के विरूद्ध पुलिस थाना नीमच केंट में प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कराई गई, जिस पर से अपराध क्रमांक 134/2017, धारा 337 व 279 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया।

विवेचना के दौरान फरियादी को गंभीर चोट आना पाया जाने से धारा 338 भादवि एवं आरोपी के पास वाहन चलाने का वैध ड्राईविंग लाईसेंस व बीमा नहीं होने से धारा 3/181 व 146/196 मोटरयान अधिनियम का ईजाफा किया गया। टक्कर मारने वाली मोटरसाईकल का वाहन स्वामी भारतलाल साल्वी द्वारा आरोपी को जिसके पास वैध ड्राईविंग लाईसेंस नहीं होने पर मोटरसाईकल देने के कारण उसको धारा 5/181 मोटरयान अधिनियम के अंतर्गत आरोपी बनाया गया।

विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र नीमच न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान ही भारतलाल की मृत्यु हो जाने से उसके विरूद्ध प्रकरण को समाप्त घोषित कर दिया गया व आरोपी हेप्पी के विरूद्ध विचारण जारी रहा। विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय में फरियादी/आहत व चश्मदीद साक्षीगण सहित अन्य सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराते हुए अपराध को प्रमाणित कराकर आरोपी को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया। माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी धारा 338 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 06 माह का कठोर कारावास व 500 रूपये जुर्माना, धारा 279 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 03 माह का कठोर कारावास व 500 रूपये जुर्माना एवं धारा 3/181, 146/196 मोटरयान अधिनियम के अंतर्गत 500-500 रूपये जुर्माने से दण्डित किया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी श्रीमती कीर्ति शर्मा, एडीपीओ द्वारा की गई।

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