नई दिल्ली। केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (CDRI) के वैज्ञानिकों ने कोरोनावायरस पर नियंत्रण के लिए देश की पहली एंटीवायरल ड्रग उमिफेनोविर की खोज की है।
CDRI का दावा है यह दवा कोरोना के बिना लक्षण वाले और कम लक्षण वाले मरीजों के इलाज में काफी असरदार है। जानकारी के मुताबिक इस दवाई का दवाई अब तक 132 कोरोना मरीजों पर तीसरे फेज के सफल ट्रायल किया जा चुका है। CDRI के वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट में भी उमिफेनोविर काम करेगी। इसे डेल्टा वेरिएंट के मरीजों में काफी असरदार पाया गया है।
वैज्ञानिकों का दावा है कि यह दवाई 5 दिन में वायरल लोड को पूरी तरह से खत्म कर देती है। CDRI सीडीआरआई के डायरेक्टर तापस कुंडू ने बताया कि सीडीआरआई के 16 सदस्यों के कहने नई दिल्ली।
केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (CDRI) के वैज्ञानिकों ने कोरोनावायरस पर नियंत्रण के लिए देश की पहली एंटीवायरल ड्रग उमिफेनोविर की खोज की है। CDRI का दावा है यह दवा कोरोना के बिना लक्षण वाले और कम लक्षण वाले मरीजों के इलाज में काफी असरदार है। जानकारी के मुताबिक इस दवाई का दवाई अब तक 132 कोरोना मरीजों पर तीसरे फेज के सफल ट्रायल किया जा चुका है। CDRI के वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट में भी उमिफेनोविर काम करेगी।
इसे डेल्टा वेरिएंट के मरीजों में काफी असरदार पाया गया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि यह दवाई 5 दिन में वायरल लोड को पूरी तरह से खत्म कर देती है। CDRI सीडीआरआई के डायरेक्टर तापस कुंडू ने बताया कि सीडीआरआई के 16 सदस्यों के कहने पर उमिफेनोविर को ट्रायल ड्रग के तौर पर यूज किया गया था। इसे माइल्ड लक्षण वाले मरीजों में काफी कारगर पाया गया है। कोरोना मरीजों में वायरस के असर को लगभग खत्म करने के लिए उमिफेनोविर की 800 एमजी की डोज 5 दिन तक दिन में दो बार लेनी होती है।
बताया जा रहा है कि यह दवाई बच्चों के लिए भी पूरी तरह सुरक्षित है।