जयपुर: गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर जानकार सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर आई है. पंजाब संकट सुलझने के बाद आलाकमान का पूरा फोकस राजस्थान पर है. इसी के चलते प्रदेश में दोनों कैंप्स के बीच सुलह का फॉर्मूला फाइनल करने की कवायद है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ एक बिंदुओं पर अभी भी आम सहमति नहीं बन पा रही है. ऐसे में आलाकमान बीच का रास्ता निकालने का प्रयास कर रहा है. आलाकमान से जुड़े एक सूत्र ने इसके संकेत देते हुए कहा कि काम प्रगति पर है जल्द ही पेंडिंग काम होंगे. आपको बता दें कि राजस्थान में फिलहाल गहलोत कैबिनेट में 9 मंत्रियों की जगह खाली है. साफ है कि मंत्रिमंडल विस्तार में 9 नए मंत्री बनाए जा सकते हैं.
राजस्थान सरकार के मौजूदा मंत्रिमंडल में 10 कैबिनेट मंत्री और 10 राज्य मंत्री हैं. सूत्रों की माने तो इस बार सिर्फ विस्तार ही नहीं होगा बल्कि फेरबदल भी होगा, जिसमें कुछ मंत्रियों को परफोर्मेंस के आधार पर ड्रॉप भी किया जा सकता है. एक व्यक्ति एक पद का फॉर्मूला भी इसमें लागू होगा और एक बार के विधायक को मंत्री नहीं बनाने के फैसले पर भी मुहर लग सकती है.
चार कार्यकारी अध्यक्षों की तैनाती संभव:-
वहीं कांग्रेस ने देशभर में पीसीसी में कार्यकारी अध्यक्षों की तैनाती भी करना शुरू कर दी है.
इसी के चलते पंजाब, उत्तराखंड और असम में भी पीसीसी अध्यक्ष के साथ कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए हैं. ऐसे में सूत्रों के अनुसार राजस्थान में भी पीसीसी चीफ के साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं. यह भी जानकारी सामने आ रही है कि कुछ मंत्रियों को हटाकर उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है.