नीमच। विवेक कुमार, विशेष न्यायाधीश (एन.डी.पी.एस. एक्ट, 1985) नीमच के द्वारा 01 कि्ंवटल डोडाचूरा की तस्करी करने वाले दो आरोपीगण (1) घनश्याम पिता लखमीचंद्र राठौर, उम्र-30 वर्ष, निवासी मुच्छारा का मोहल्ला, ग्राम डिकेन, थाना रतनगढ़, जिला नीमच व (2) अम्बालाल पिता दौलतराम बावरी, उम्र-45 वर्ष, ग्राम बोरदिया कला, थाना नीमच सिटी, जिला नीमच को एन.डी.पी.एस. एक्ट की धारा 8/15 के अंतर्गत 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1,00,000-1,00,000 रूपये जुर्माने से दण्डित किया। मनीष जोशी, लोक अभियोजक द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 03 वर्ष पूर्व की होकर दिनांक 30.10.2018 को रात 8ः30 बजे की है। पुलिस थाना बघाना में पदस्थ ए.एस.आई. लक्ष्मण सिंह को मुखबिर सूचना मिली कि घनश्याम व अम्बालाल नाम के व्यक्ति सिल्वर रंग की बोलेरो जीप में अवैध मादक पदार्थ डोडाचूरा सगराना से बिसलवासकलां होकर उदयपुर (राजस्थान) की तरफ किसी तस्कर को देने जाने वाले हैं। मुखबिर सूचना के आधार पर वह मय फोर्स बिसलवासकलां स्थित खेड़ा माताजी के पास पहुॅचकर घेराबंदी किये जाने पर देखा कि मुखबिर द्वारा बताया वाहन आते दिखा, जिसको फोर्स की मदद से रोका, जिसमें दोनो आरोपी बैठे हुए थे एवं वाहन की तलाशी लिए जाने पर उसकी छत सामान्य स्थिति में नहीं होने से छत का केरियर खोलकर देखे जाने पर उसमें 05 कट्टे छुपाकर रखे होना पाया, जिसमें कुल 01 क्विंटल डोडाचूरा भरा होना पाया गया। जिसको जप्त कर व आरोपीगण को गिरफ्तार कर, उनके विरूद्ध पुलिस थाना बघाना में अपराध क्रंमाक 114/2018, अंतर्गत धारा 8/15 एन.डी.पी.एस. एक्ट 1985 के अंतर्गत पंजीबद्व कर अग्रिम विवेचना हेतु एसआई वी. डी. जोशी के सुपुर्द किया गया, जिनके द्वारा विवेचना में आरोपी से पूछताछ करने पर बताया की वह डोडाचुरा ग्राम बोरदियाकलां के जसवंतसिंह सौंधिया से लाये थे व उन्हें वह उदयपुर में लक्ष्मणसिंह सौंधिया को ले जाकर देना था, जिस कारण दोनो को प्रकरण में आरोपी बनाकर शेष विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन द्वारा न्यायालय में विचारण के दौरान विवेचक, जप्ती अधिकारी, फोर्स के सदस्यों सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराये गये। माननीय न्यायालय द्वारा अभिलेख पर आयी साक्ष्य के आधार पर आरोपीगण घनश्याम व अम्बालाल को अवैध रूप से डोडाचूरा की तस्करी किये जाने के अपराध का दोषी मानते हुये धारा 8/15 एन.डी.पी.एस. एक्ट 1985 के अंतर्गत 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1,00,000-1,00,000रू. जुर्माने से दण्डित किया। अभिलेख पर आई साक्ष्य के आधार पर आरोपी जसवंत सिंह को उन्मोचित व आरोपी लक्ष्मणसिंह को दोषमुक्त किया गया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी मनीष जोशी, लोक अभियोजक, नीमच द्वारा की गई।