जावद। सोनू जैन, न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, जावद द्वारा आरोपी बाबूलाल पिता कन्हैयालाल गुर्जर, उम्र-25 वर्ष, निवासी-ग्राम चिरमीखेड़ा, थाना रतनगढ़, जिला नीमच को तेजगति से लापरवाहीपूर्वक स्विफ्ट कार चलाते हुए मोटरसायकल को टक्कर मारकर महिला की मृत्यु कारित करने व मोटरसायकल चालक को गंभीर चोट पहुॅचाने के आरोप का दोषी पाकर भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 304ए, 338 व 279 में कुल 33 माह के कठिन कारावास एवं 2,000रू. जुर्माने से दण्डित किया।
आकाश यादव, एडीपीओ द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 29.05.2016 को रात के लगभग 9 बजे फरियादी जगदीश व उसकी पत्नी सम्पतबाई मोटरसायकल पर नीमच से ग्राम उम्मेदपुरा जा रहे थे, जैसे ही वह ग्राम डिकेन स्थित एम्रल्ड एकेडमी-नीमच सिंगोली रोड़ पर पहुॅचे की पीछे से आरोपी उसकी सफेद रंग की स्विफ्ट कार को तेजगति से लापरवाहीपूर्वक चलाते हुए लाया और पीछे से जगदीश की मोटरसायकल को टक्कर मार दी, जिस कारण दोनो पति-पत्नी गिर गये व सम्पतबाई को सिर पर गंभीर चोट आयी व जगदीश की हाथ की हड्डी टूट गई। मौके से आरोपी कार लेकर चला गया तथा जगदीश व सम्पतबाई को ईलाज हेतु नीमच लाया गया, जहॉ से सम्पतबाई को उदयपुर (राजस्थान) रेफर किया गया, किंतु रास्ते में ही उसकी मृत्यु हो गई। मर्ग जॉच उपरांत स्विफ्ट कार चालक के विरूद्ध पुलिस थाना रतनगढ़ में अपराध क्रमांक 118/2016, धारा 304ए, 338, 279 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया। विवेचना के दौरान आरोपी का पता लगाकर उसके पास वैध वाहन का बीमा नहीं होने से धारा 146/196 मोटर व्हीकल एक्ट का ईजाफा किये जाने के बाद शेष विवेचना उपरांत अभियोग पत्र जावद न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय में फरियादी जगदीश व चश्मदीद साक्षीगण शंभूलाल, प्रकाश, महावीर सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर आरोपी द्वारा तेजगति से लापरवाहीपूर्वक स्विफ्ट कार चलाते हुए मोटरसायकल को टक्कर मारकर महिला की मृत्यु कारित करने व मोटरसायकल चालक को गंभीर चोट पहुॅचाने के अपराध को प्रमाणित कराते हुए उनको कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया। माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को धारा 304ए भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 02 वर्ष का कठोर कारावास व 500 रूपये जुर्माना, धारा 338 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 06 माह का कठोर कारावास व 500 रूपये जुर्माना, धारा 279 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 03 माह का कठोर कारावास व 500 रूपये जुर्माना तथा धारा 146/196 मोटरयान अधिनियम में 500रू. जुर्माने से दण्डित किया, इस प्रकार आरोपी को कुल 33 माह के कठिन कारावास व 2,000रू. जुर्माने से दण्डित करते हुए जुर्माने की राशि में से 1500रू. आहत जगदीश को प्र्रतिकर के रूप में प्रदान किये जाने का आदेश पारित किया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी आकाश यादव, एडीपीओ द्वारा की गई।