पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर जारी तनाव कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस बीच भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की बातचीत आज होगी।
इसमें पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया में कुछ प्रगति हासिल करने पर जोर रहेगा। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा मुद्दे को लेकर भारत और चीन के बीच आज 12वें दौर की कोर कमांडर स्तर की बातचीत होगी।
आज भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन करेंगे, जो लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर हैं। इस वार्ता में मुख्य रूप से हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा हाइट्स क्षेत्रों से डिस-एंगेजमेंट को लेकर चर्चा हो सकती है।
यह वार्ता विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा अपने चीनी समकक्ष वांग यी को इस बात से दो टूक अवगत करा देने के करीब दो हफ्ते बाद हो रही है कि पूर्वी लद्दाख में मौजूदा स्थिति के लंबा खींचने का प्रभाव द्विपक्षीय संबंधों पर नकारात्मक रूप से पड़ता नजर आ रहा है। 11वें दौर की वार्ता 9 अप्रैल को एलएसी से भारतीय सीमा की ओर चुशुल सीमा बिंदु पर हुई थी और यह करीब 13 घंटे चली थी। गौरतलब है कि पैंगोंग झील के इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाए जाने के बाद एलएसी के बाकी अग्रिम मोर्चों से चीन अपने सैनिकों की वापसी के मसले को लंबा खींच रहा है। दोनों देशों के इस समय एलएसी पर संवेदनशील क्षेत्र में 50,000 से 60,000 सैनिक हैं।
इससे पहले अप्रैल 2020 में भी पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं और भारत ने साफ कह दिया था कि सैनिकों को पीछे हटाए बिना गतिरोध का हल नहीं निकल सकता।
अब देखना है कि क्या इस वार्ता से पूर्वी लद्दाख में तनाव कुछ कम होगा।
चीन ने जब्त किए नक्शे : -
चीन में सीमा शुल्क अधिकारियों ने अरूणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा दिखाने वाली विश्व नक्शे की एक बड़ी खेप जब्त की है। नए नक्शों को निर्यात किया जाना था। चीन, अरूणाचल प्रदेश के दक्षिण तिब्बत का हिस्सा होने का दावा करता है, जिसे भारत सिरे से खारिज करता आ रहा है।
भारत का कहना है कि अरूणाचल प्रदेश इसका अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। चीनी समाचार पत्र द पेपर डॉट सीएन की खबर में कहा गया है कि ये नक्शे करीब 300 निर्यात खेप में ‘बेडक्लोथ’ के नाम से लपेट कर रखे गये थे, जिन्हें शंघाई पुदोंग हवाईअड्डा पर सीमा शुल्क विभाग ने जब्त कर लिया।