मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान की तीन दत्तक बेटियों की शादी गुरुवार को विदिशा में संपन्न हो गई। विदिशा के गणेश मंदिर में मुख्यमंत्री ने पत्नी साधना सिंह के साथ कन्यादान की रस्म पूरी की। शिवराज और साधना सिंह ने 1998 में सात बेटियों को गोद लिया था।
इनमें से चार की शादी पहले ही हो चुकी थी। गुरुवार को प्रीति, राधा और सुमन की शादी भी हो गई। शादी में शरीक होने के लिए शिवराज अपने परिवार के साथ बुधवार रात को ही विदिशा पहुंच गए थे। गुरुवार सुबह साधना सिंह ने माता पूजन किया। इसके बाद शाम को विधि-विधान के साथ शादी की बाकी रस्में पूरी की गईं। गणेश मंदिर में आयोजित सादा विवाह समारोह में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए विवाह की तमाम रस्मों के साथ भारतीय विवाह पद्धति से उनकी विदाई हुई। बेटियों की शादी के दिन सीएम मीडिया से बात करते हुए भावुक भी हो गए। सीएम ने कहा कि इन बच्चियों के अभिभावक नहीं थे। कई साल पहले मैंने उन्हें गोद लेकर अपने साथ रख लिया था। इनकी सारी जरूरतों को मेरी पत्नी साधना ने पूरा किया, उनका पूरी तरह से ख्याल रखा। आज एक बड़ा दायित्व पूरा हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे विदाई की तकलीफ भी है। दो दशक से इन सभी बेटियों का खर्च सीएम और उनकी पत्नी उठा रहे हैं।
इनकी शादी के लिए लड़का भी खुद ही ढूंढा। सीएम चौहान ने विदिशा से सांसद रहते हुए वहां के मुखर्जी नगर में सुंदर सेवा आश्रम की स्थापना की थी। इसी आश्रम में सीएम की दत्तक बेटियों की परवरिश हुई है।