कोरोना महामारी और बढ़ती महंगाई के बीच राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने लोगों को राहत देते हुए महंगाई भत्ता बढ़ाने का बुधवार को ऐलान किया.
राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता 17 फीसदी से बढ़ाकर 28 फीसदी करने का फैसला किया गया है.1 जुलाई 2021 से महंगाई भत्ते की यह दर मान्य होगी. राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा कि कोरोना की इस कठिन परिस्थितियों के बावजूद कर्मचारियों को संबल देने हेतु इस फैसले पर राज्य सरकार लगभग 4000 करोड़ रुपये सालाना खर्च करेगी.
गौरतलब है कि इससे पहले केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनधारियों के लिए राहत की ख़बर आई. उनके महंगाई भत्ते की बढ़ोत्तरी पर लगी रोक हटाने का फ़ैसला किया गया है. महंगाई भत्ते की दर अब 17 फ़ीसदी से बढ़कर 28 फ़ीसदी हो गई है. फ़ैसले के बाद अब सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली महंगाई भत्ते की दर वर्तमान के 17 फ़ीसदी से बढ़कर 28 फ़ीसदी हो गई है. इसका मतलब ये हुआ कि कर्मचारियों को 1 जनवरी 2020 से अबतक 17 फ़ीसदी की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा था. फ़ैसले के मुताबिक़
नई दर इसी महीने से लागू हो जाएगी जिसका फ़ायदा जुलाई की तनख़्वाह में मिलेगी. मोदी सरकार के इस फ़ैसले का फ़ायदा केंद्र सरकार के क़रीब 48 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनधारियों को होगा. मोदी सरकार की तरफ से यह फैसला ऐसा वक्त पर लिया गया है जब पिछले साल इस पर रोक लगा दी गई थी. केन्द्र सरकार की तरफ से पहले 1 जनवरी 2020 तक डीए को रोका गया था और बाद में इसे बढ़ाकर 1 जुलाई 2021 तक रोका गया. केन्द्र सरकार की तरफ से यह फैसला कोरोना महामारी के बीच सरकार के घटते राजस्व और कल्याणकारी योजनाओं पर बढ़ते खर्चे के चलते लिया गया था.
महंगाई भत्ते पर तीन किश्त लंबित हैं, ये है-
1 जनवरी 2020 से लेकर 30 जून 2020 तक- 4 फीसदी,
1 जुलाई 2020 से लेकर 31 दिसंबर 2020 तक- 3 फीसदी और
1 जनवरी 2021 से लेकर 30 जून 2021 तक- 4 फीसदी.
महंगाई भत्ते पर लगी रोक हटाने के बाद केन्द्रीय कर्मचारियों के टेक-हम सेलरी, प्रोविडेंट फंड कंट्रीब्यूशन और ग्रेच्युटी में बड़ा इजाफा देखने को मिल सकता है.