Latest News

झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि पर शत-शत नमन

Neemuch headlines June 18, 2021, 10:52 am Technology

झांसी की रानी  लक्ष्मीबाई भारत के इतिहास की एक ऐसी महान वीरांगना रही हैं, जिन्होंने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए हंसते-हंसते अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया. रानी लक्ष्मीबाई ने कभी भी अंग्रेजी हुकूमत के आगे झुकना स्वीकार नहीं किया और आखिरी दम तक अंग्रेजों से लोहा लिया. आज (18 जून 2021) झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि  मनाई जा रही है और पूरा देश इतिहास की इस वीरांगना को याद कर उन्हें नमन कर रहा है.

दरअसल, 17 जून 1858 को लक्ष्मीबाई अपनी आखिरी जंग के लिए तैयार हुईं और अंग्रेजों से लोहा लेते हुए 18 जून को उन्होंने वीरगति प्राप्त की. हालांकि रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु को लेकर भी अलग-अलग मत हैं. लॉर्ड केनिंग की रिपोर्ट के अनुसार, रानी को एक सैनिक ने पीछे से गोली मारी थी.

अपने घोड़े को मोड़ते हुए रानी लक्ष्मीबाई ने भी उस सैनिक पर वार किया, लेकिन वह बच गया और उसने अपनी तलवार से रानी लक्ष्मीबाई का वध कर दिया. झांसी का रानी लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि पर लोग इतिहास की इस महान वीरांगना और अंग्रेजों से आखिरी दम तक लड़ने वाली मर्दानी को याद करते हैं.

आप भी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाली रानी लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि पर इन मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, कोट्स, एचडी इमेजेस को अपनों संग शेयर करके उन्हें शत-शत नमन कर सकते हैं.

1- मुर्दों में भी जान डाल दे,

 उनकी ऐसी कहानी है,

वो कोई और नहीं,

झांसी की रानी हैं.

रानी लक्ष्मीबाई को शत-शत नमन झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का जन्म 19 नवंबर 1828 को बनारस के एक मराठी ब्राह्मण परिवार में हुआ था.

बचपन में उनका नाम मणिकर्णिका था और प्यार से उन्हें मनु कहकर बुलाया जाता था. साल 1842 में मनु का विवाह झांसी के नरेश गंगाधर राव नवलकर के साथ हुआ और विवाह के बाद उन्हें लक्ष्मीबाई नाम मिला. विवाह के बाद उन्होंने राजकुंवर दामोदर राव को जन्म दिया, लेकिन चार महीने की उम्र में ही उनके बच्चे का निधन हो गया.

इसके बाद राजा गंगाधर ने अपने चचेरे भाई के बच्चे को गोद लेकर, उसे दामोदर राव नाम दिया. रानी लक्ष्मीबाई एक ऐसी वीरांगना के तौर पर भी जानी जाती हैं, जिन्होंने 1857 के विद्रोह की नींव रखी.

Related Post