कोरोना के इलाज के लिए डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) की 2-डीजी (2डियोक्सी डी ग्लूकोज) दवा अब मप्र में जल्द आने वाली है। डीआरडीओ ने इसे डॉ. रेड्डी लेबोरेट्री के सहयोग से बनाया है। राज्य सरकार ने दवा का उत्पादन करने वाली निजी फार्मा कंपनी को 50 हजार यूनिट का ऑर्डर दे दिया है। स्वास्थ्य सचिव आकाश त्रिपाठी ने बताया कि सात से 10 जून के बीच दवा के 10 हजार सेट की पहली खेप आ सकती है। इस बीच केंद्र सरकार ने माेनाे क्लाेनल एंटीबॉडी कॉकटेल के 500 डोज भी मप्र भेजे हैं।
कासिरिविमेब और इमडेविमेब इंजेक्शन का यह कॉकटेल पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दिया गया था। इसे पहले अमेरिका की फूड एंड ड्रग इकाई ने मंजूरी दी, बाद में यूरोप ने। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति को शुरुआती तीन-चार दिन में दवा की दोनों डोज दी जा सकती है। इससे मरीज गंभीर स्थिति में जाने से बच जाता है। एंटीबॉडी कॉकटेल के राज्य सरकार ने भोपाल-इंदौर के मेडिकल कॉलेज में 75-75, एम्स भोपाल को 100 सेट, जबलपुर, ग्वालियर को 50-50 और सागर व रीवा में 25-25 सेट दिए गए हैं।
एंटीबॉडी कॉकटेल को भारत में सिप्ला कंपनी बना रही है। राज्य सरकार को 600 रुपए का एक सेट मिलेगा। इस सेट में तीन खुराक होती है। 2-डीजी को लेकर स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि फिलहाल डॉ. रेड्डी लेबोरेट्री ने कुछ अस्पतालों को इसके सैंपल डोज भेजे हैं।
एक लाख रुपए कीमत है कॉकटेल की:-
मोनो क्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल की कीमत बाजार में 98 हजार के करीब है। इसे एकमात्र फार्मा कंपनी सिप्ला बना रही है। फिलहाल बाजार में इसकी उपलब्धता कम है।