लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती
बस एक मां है जो कभी ख़फ़ा नहीं होती
पहली नजर का प्यार क्या होता है, ये सवाल कोई उस महिला से पूछे जिसके सामने पहली बार उसका नवजात शिशु आया हो। मां और बच्चे का रिश्ता इस दुनिया में सबसे खूबसूरत और अनमोल है। बच्चा दर्द में होता है तो तकलीफ मां को होती है, वो मुस्कुराता है तो खुश मां होती है। मां के प्यार, त्याग, समर्पण को शब्दों में बताना आसान नहीं है। वैसे तो हर दिन ही बच्चों को पैरेंट्स के लिए खास बनाना चाहिए जो पूरी तरह मां को समर्पित है। ये दिन है मदर्स डे का जो इस साल 9 मई को मनाया जाएगा।
क्यों मनाया जाता है ये दिन:-
मां के सम्मान में हर साल मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। इस दिन बच्चे अपनी मां से अपनी जिंदगी में उनकी क्या जगह है इस बात को बताने के लिए तमाम तरीके अपनाते हैं। आम दिनों में कभी बिजी रहने तो कभी कुछ कारणों से लोग सबसे कम समय अपनी मां को ही देते हैं। ऐसे में ये एक खास दिन है जब लोग सभी कामों से ऊपर अपनी मां को रखते हैं और उनके साथ समय बिताते हैं।
कई किस्से हैं प्रचलित: -
मातृ दिवस की शुरुआत को लेकर कई किस्से प्रचलित हैं। माना जाता है कि एना जार्विस नामक एक अमेरिकी महिला ने मदर्स डे मनाने की शुरुआत की थी। कहा जाता है कि एना अपनी मां से बहुत प्यार करती थी और उनसे बहुत प्रेरित थी। ऐना अविवाहित थीं और अपनी मां के निधन के बाद उनके प्रति सम्मान दिखाने के लिए इस खास दिन की शुरुआत की।
एक अन्य किस्से के मुताबिक मदर्स डे सेलिब्रेट करने की शुरुआत ग्रीस से हुई है। ग्रीस के लोग अपनी माताओं के प्रति विशेष सम्मान रखते थे। इस सम्मान को दर्शाने के लिए वे इस दिन उनकी पूजा करते थे। मान्यताओं के अनुसार स्यबेले ग्रीक देवताओं की मां थीं। और ग्रीस के लोग आज ही के दिन स्यबेले की पूजा किया करते थे।
मई के दूसरे रविवार को मनाने का कारण:-
ऐसा माना जाता है कि साल 1914 में अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक कानून पास किया था जिसके मुताबिक मई के महीने की दूसरी रविवार को मातृ दिवस मनाया जाएगा।तब से भारत समेत दुनिया के कई देशों में इसे मनाया जाने लगा।