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कोरोना महामारी और नीमच का आक्सीजन प्लांट- डॉ. जाजू पूर्व विधायक

Neemuch headlines April 29, 2021, 8:51 am Technology

अभी कोरोना से संक्रमित मरीजो को सबसे अधिक ज़रूरत आक्सीजन की और दवाइयों की हैं। भारत में आक्सीजन का उत्पादन भरपूर हैं कमी हैं तो उसको विभिन्न क्षेत्रों में पहुँचाने के संसाधनों की . जिसमें प्रमुख विशेष रूप से आक्सीजन को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने वाले टेंकर और टेंकर से रिफ़िलिंग के संसाधन एवं सिलेंडरों की। दुर्भाग्य हैं कि हमारे नीति कर्ताओ ने कभी भी इस दृष्टिकोण से देखा ही नही और अभी भी वे भ्रम में ही कार्य कर रहे हैं जिसके कारण हॉस्पिटलो में आक्सीजन का अभाव उत्पन्न हो गया हैं। किसी भी महामारी से राहत दिलवाने के लिये दो योजनाओं पर कार्य करना आवश्यक होता हैं।

पहला तत्काल राहत की योजना जिसमें त्वरित महामारी से कैसे निपटा जाए और लोग़ो को राहत पहुँचाई जाए की योजना बना कर क्रियान्वयन करना हैं।

दूसरा दीर्घक़ालीन योजना जिसमें महामारी से आने वाले समय में कैसे बचाव किया जा सकता हैं और उसके इलाज की योजनाये।

यह हमारे संसदीय क्षेत्र का ख़ास कर नीमच ज़िले का दुर्भाग्य हैं कि ज़िम्मेदार व्यक्तियों ने नीमच को

कोविड-19 की महामारी से आम लोग़ो को राहत दिलवाने के लिये इस संबंध में विगत एक साल आपदा प्रबंध समिति के माध्यम से कोई ऐसी योजना नही बनाईं जिसका ख़ामियाज़ा अब सम्पूर्ण ज़िला भुगत रहा हैं। अभी भी हमारे ज़िम्मेदार जनप्रतिनिधि नींद निकाल रहे हैं और जिस सक्रियता से उन्हें कार्य करना चाहिये उसका उनमें अभाव स्पष्ट दिख रहा हैं।

कोविड-19 के लाँक डाउन के समय से ही एक बात स्पष्ट दिख रही थी, जिसे विश्व के विशेषज्ञ से लेकर प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री टेस्टिंग ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट की सबसे बड़ी ज़रूरत बताते हुए उनपर ध्यान देना। दुर्भाग्य हैं कि नीमच ज़िले में इन तीनो पर ही पुख़्ता कार्य नही हुआ . जिन जनप्रतिनिधियों को सरकार पर दबाव बनाकर आर्थिक और अन्य व्यवस्थाएँ जुटानी चाहिये थी उसमें उन्हें नाकामी मिली। ट्रीटमेंट में त्वरित व्यवस्था आक्सीजन और दवाइयों और पलंग की करने में स्थानीय प्रशासन उसकी क्षमता और सीमित साधनो के साथ जूटा हुआ हैं और उसे आंशिक सफलता मिल भी रही हैं लेकिन जो सहयोग जनप्रतिनिधियों से मिलना चाहिये वह दूर दूर तक नही मिल पा रहा हैं क्षेत्र के एक को छोड़ कर सभी ज़िम्मेदार जनप्रतिनिधि और उनके सलाहकार केवल प्रेस विज्ञप्ति और बड़बोल बातें कर जनता को भ्रमित कर रहे हैं।

आज नीमच में सबसे ज़रूरी संक्रमित मरीज़ के इलाज के लिये आक्सीजन हैं जिसका अभाव बुरी तरह से सरकारी और निजी चिकित्सालयों में देखने को मिल रहा हैं और आक्सीजन के अभाव में विगत समय कई मरीज़ों की मौते हुई। नीमच जिले को आक्सीजन निर्बाध मिले की योजना बना कर प्लांट स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान कर दी गई हैं और उसका कार्य भी शुरू हो गया हैं और एजेंसी भी तय कर समय सीमा में कार्य करने के आदेश भी दे दिये गये हैं।

नीमच ज़िला चिकित्सालय आक्सीजन प्लांट में उत्पादन की अंतिम तारीख़ सत्रह जुलाई 2021 रखी हैं। ABSSTEM TEC कार्य करेगी। क़्या यह क्षेत्र का दुर्भाग्य नही हैं कि नीमच का आक्सीजन प्लांट सत्रह जुलाई से उत्पादन शुरू करेगा ज़ब की प्रदेश के अन्य जिलो में स्वीकृत प्लांट मध्य मई माह से उत्पादन शुरु कर देंगे।

नीमच में दो माह आक्सीजन प्लांट देरी से उत्पादन शुरु करेगा इसके जिम्मेदार क्षेत्र के वे निष्क्रिय जनप्रतिनिधि है। जिन्होंने भोपाल में सरकार के सामने दृढ़ता से नीमच का पक्ष नही रखा था। विश्व के विशेषज्ञों का जो अनुमान हैं उसके अनुसार मई का महीना सबसे अधिक कोरोना संक्रमित लोग़ो से होगा फिर मरीजो में कमी आ जाएगी उसके बाद एक लहर सितम्बर में आ सकती हैं . नीमच के लोग़ो को इलाज के लिये मई माह में सबसे अधिक आक्सीजन की ज़रूरत हैं और पड़ सकती हैं नीमच में स्थापित होनेवाला आक्सीजन प्लांट जुलाई में उत्पादन शुरू करेगा उसका लाभ जुलाई के अंतिम सप्ताह से मिलना शुरू होगा . अभी नीमच को तुरंत आक्सीजन मिलें उसकी कार्ययोजना को जनप्रतिंधियो को भोपाल और दिल्ली में दबाव बना कर स्वीकृत कराना चाहिये देश में आक्सीजन की कमी नही हैं। अभी कोरोना से संक्रमित मरीजो को सबसे अधिक ज़रूरत आक्सिजन की और दवाइयों की हैं। नीमच में आक्सीजन सड़क मार्ग और रेलमार्ग से गुजरात और अन्य आक्सीजन उत्पादक राज्यों जल्दी से जल्दी पहुँच सकता हैं उसकी तर्कसंगत योजना को अगले २-३ दिन में क्षेत्र के जनप्रतिनिधि क्रियान्वयन करवा कर प्रतिदिन पाँच टन आक्सीजन सिलेंडरों के माध्यम से करवा सकते हैं । यह तभी सम्भव होगा जब हमारे क्षेत्र के जनप्रतिंधियो निष्क्रियता को त्याग कर आगे आ कर सारकर पर दबाव बनाये।

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