सिंगोली शिवालयों में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब, काशी की तर्ज पर की गंगा आरती सिंगोली। श्रावण माह के अंतिम सोमवार को सुबह से लेकर देर शाम सब तक नगर में स्थित शिव मंदिरों में सहित सिंगोली से 14 किलोमीटर दुर प्रसिद्ध तिलस्वा महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का फूल बेलपत्र और दूध, जल से अभिषेक किया। व कई कावड़ियों ने तिलस्वा कुण्ड से शुध्दं जल कावड़ में भरकर अपने अपने गांवों के शिव मंदिरो पर पहुँच भगवान भोलेनाथ का भक्ति भाव से जलाअभिषेक किया वही नगर सिंगोली में परम्परा गत निकलने वाले भुतेश्वर नाथ भगवान के बेवाण में अंतिम सोमवार को भी भूत भावन भूतेश्वर महादेव नगर की जनता का हाल जानने शाही सवारी के रूप में डी. जे. ढोल के साथ नगर भ्रमण पर निकले। जिसमें भोले के भक्त झुमते नाचते व ढोल की थाप पर लेजिम बजाते चल रहे थे शाही सवारी की शिव भक्तों ने जगह-जगह पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की। शाही सवारी वीर तेजाजी मार्ग, अहिंसा पथ, बापू बाजार होते हुई देर शाम बोहरा जी के घाट पर पहुंची जहां पहली बार बड़ी संख्या में नगर और क्षेत्र के शिव भक्तों ने भगवान भोलेनाथ की काशी विश्वनाथ की तर्ज पर ब्राह्मणी नदी के बोहरा जी के घाट पर गंगा महा आरती अलग-अलग मुद्रा में और आतिशबाजी के साथ भोलेनाथ की महाआरती कर प्रसाद वितरण किया। रात करीब साढ़े 8 बजे शाही सवारी आजाद चौपाटी, शीतला माता मार्ग होते हुए भूतेश्वर महादेव मंदिर पहुंची जहां देर रात भगवान शिव की महाआरती कर अंतिम श्रावण सोमवार का समापन किया गया।