Latest News

तथ्यात्मक पत्रकारिता की ताकत से देश में सत्ता परिवर्तन तक हो गया - विधि व्याख्याता, नगर पुलिस अधीक्षक, लोक अभियोजन अधिकारी व साहित्यकार के मार्गदर्शन में संपन्न हुई पत्रकार कार्यशाला

Neemuch Headlines March 15, 2021, 2:34 pm Technology

नीमच। विधायिका, न्यायपालिका, कार्यपालिका की कार्यवाही को जनता के सामने प्रस्तुत करने का अधिकार है पत्रकार के पास । साक्ष्य के साथ निष्पक्ष और तथ्यात्मक पत्रकारिता की ताकत ने कई देशों में सत्ता परिवर्तन तक कर दिया । शीर्ष स्तर पर बनी जनहित योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाना पत्रकार की जिम्मेदारी है । वास्तविकता में पत्रकारिता केवल लोकतंत्र का चौथा स्तंभ ही नहीं बल्कि पूरे लोकतंत्र की ताकत है । पत्रकारिता के कारण ही लोकतंत्र जिंदा है ।खबर के कारण पत्रकार की पहचान होती है ना कि पत्रकार से खबर का महत्व । लेकिन फिर भी मीडिया को मीडिया ट्रायल का अधिकार नहीं । अभिव्यक्ति की आजादी में किसी और की स्वतंत्र छीनने का अधिकार नहीं ।

समाचार वही सही जिससे तनाव पैदा ना हो । समाचार वही सही जो प्रेरणा का कारण बने । पत्रकार को आईना दिखाने का अधिकार लेकिन, सूरत बदलने का नहीं । तलवार का जख्म एक या 2 लोगों को हो सकता है लेकिन कलम का जख्म हजारों लोगों को हो सकता है । समाचार में बेवजह के शब्द पूरी खबर को मार देते हैं । हमारे देश में एक बड़ी बात है कि राजनीति और पत्रकारिता दो जिम्मेदार ऐसे पेशे हैं जिसमें किसी योग्यता की आवश्यकता नहीं । ऐसे अच्छे और तीखे वक्तव्य आज पत्रकारों को मार्गदर्शको के द्वारा सुनने को मिले । आयोजन था इलेक्ट्रॉनिक मीडिया क्लब द्वारा आयोजित एक दिवसीय पत्रकार कार्यशाला जिसका विषय था पत्रकार और हम व पत्रकारिता में आचार संहिता ।

उपरोक्त विषय पर अंचल के प्रख्यात विधि विशेषज्ञ साहित्यकार और पुलिस अधिकारियों ने तीखे, सच्चे मार्गदर्शक वक्तव्य दिए । आयोजन में मुख्य अतिथि ज्ञान मंदिर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ विवेक नागर, ज्ञान मंदिर विधि महाविद्यालय के व्याख्याता डॉ नवीन चौहान, नीमच जिला न्यायालय में पदस्थ लोक अभियोजन अधिकारी वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष जोशी, पूरे मध्यप्रदेश में 30 साल के सर्वाधिक समय तक थाना प्रभारी का अनुभव रखने वाले नीमच के वर्तमान नगर पुलिस अधीक्षक राकेश मोहन शुक्ल, प्रख्यात साहित्यकार प्रमोद रामावत, जिला जनसंपर्क अधिकारी जगदीश मालवीय व नीमच सिटी थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह ठाकुर मौजूद रहे जिन्होंने पत्रकारों को मार्गदर्शक व्याख्यान दीया ।

पत्रकार कार्यशाला के संयोजक कृष्णा शर्मा ने बताया कि कलेक्टर कार्यालय चौराहा स्थित रोटरी क्लब भवन में आयोजन की शुरुआत मां सरस्वती की वंदना के साथ हुई अतिथियों ने मां सरस्वती की मूर्ति पर माल्यार्पण किया, दीप प्रज्वलित किया पश्चात इलेक्ट्रॉनिक मीडिया क्लब के संरक्षक हरीश अहीर ने अतिथियों को ससम्मान मंचासीन करवाया ।

क्लब के सदस्यों ने बारी बारी से अतिथियों का स्वागत अभिनंदन जय श्री कृष्णा अंकित दुपट्टा पहनाकर किया । पश्चात अध्यक्ष संजय यादव ने संस्था के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया क्लब का गठन बीते 15 फरवरी को हुआ है केवल 1 माह के कार्यकाल में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया क्लब ने बसंत उत्सव, पत्रकारों का वनविहार आयोजन, पत्रकार साथी के साथ हुए दुर्व्यवहार का कड़ा प्रतिकार करते हुए डायग्नोस्टिक सेंटर की उच्च स्तरीय जांच आदेश करवाने, निशुल्क आयुष्मान कार्ड शिविर आयोजन, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया क्लब डोमिन बुकिंग वेबसाइट कंस्ट्रक्शन व आज विशेष पत्रकार कार्यशाला का आयोजन जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियां संपन्न की है । साथ ही अध्यक्ष संजय यादव ने सभी पत्रकारो से आए हुए अतिथियों का गरिमामय परिचय करवाया ।

आयोजन का संचालन करते हुए क्लब के सचिव अविनाश जाजपुरा ने अतिथियों को संबोधन के लिए आमंत्रित किया । -- संबोधन के लिए सबसे पहले अंचल के प्रख्यात ज्ञान मंदिर विधि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ विवेक नागर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मीडिया एक सम्मानित पेशा है जो अधिकार मीडिया को प्राप्त है वह हर किसी को नहीं, विधायका, न्यायपालिका, कार्यपालिका की कार्यवाही को जनता के सामने प्रस्तुत करने का अधिकार केवल पत्रकार के पास होता है ।

लेकिन मीडिया को ट्रायल करने का अधिकार नहीं है यह अधिकार केवल देश की न्यायपालिकाओ को है । लेकिन देखने में आ रहा है कि बीते कुछ समय से मीडिया भी अपने स्तर पर ट्रायल करने लगा है जिसके चलते कहीं ना कहीं न्याय व्यवस्था भी प्रभावित होती है । बीते दिनों सुशांत आत्महत्या प्रकरण में जिस तरह से मीडिया ट्रायल की गई वह निंदनीय है तथ्य से परे जाकर मीडिया वह सब दिखा रहा था जो आरोप न्यायालय में विचाराधीन ही नहीं था । ऐसा करने से बचना चाहिए ।

-- जनसंपर्क अधिकारी जगदीश मालवीय ने कहा कि वास्तव में पत्रकारों को स्वतंत्रता दी जाना चाहिए अभिव्यक्ति की आजादी आज के समय में जरूरी है लेकिन पत्रकारों को भी अपनी स्वतंत्र का दायरा ध्यान रखना चाहिए पत्रकारों की स्वतंत्रता में किसी और की स्वतंत्रता बाधित ना हो यह आवश्यक है । किसी का निजी परिसर, किसी का बेडरूम पत्रकारों के लिए कवरेज क्षेत्र नहीं बने ये दायरा पत्रकारों को स्वयं निर्धारित करना चाहिए ।

-- नगर पुलिस अधीक्षक राकेश मोहन शुक्ल ने पत्रकारों को प्रेस परिषद द्वारा निर्धारित की गई आचार संहिता के बारे में जानकारी दी साथ ही उन्होंने कहा कि प्रत्येक पत्रकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह समाचारों का संकलन पूर्ण इमानदारी के साथ करें । जो तथ्य पत्रकार ने जुटाए हैं वह उसी रूप में आमजन के सामने रखें, साथ ही पत्रकारों को उन समाचारों पर नियंत्रण रखना चाहिए जिससे तनाव पैदा हो, पत्रकारिता को निजी विवाद से अलग रखना चाहिए यदि किसी पत्रकार का किसी से निजी विवाद है तो उसको समाचार के रूप में बदले की भावना रखकर प्रदर्शित करना गलत है निष्पक्ष भावना से पत्रकारिता करते हुए जिस संदर्भ में समाचार लिखा जा रहा है उसमें शामिल सभी पक्षों की बात को रखना पत्रकारों का दायित्व है । जब भी बात ब्रेकिंग समाचारों की है तब भी पूर्ण सत्य के साथ और मामले में अधिकारियों से उनका वर्जन व पूर्ण जानकारी लेकर ही समाचार प्रदर्शित किया जाना चाहिए ।

श्री शुक्ला ने कहा कि पत्रकारों का कार्य बहुत मुश्किल है हजारों कठनाइयां आती है, फिर भी मैं यह कहूंगा कि हर समाचार में कोई ना कोई प्रेरणात्मक तथ्य होना चाहिए चाहे वह समाचार कैसा भी हो लेकिन उस समाचार से समाज को कुछ सीखने को मिले यह प्रयास किया जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि इस मामले में नीमच के पत्रकार गण काफी सहयोगी हैं जब भी पुलिस अधिकारियों द्वारा नीमच की मीडिया से तनाव फैलाने वाले किसी समाचार के व्यापक प्रचार न करने के लिए अपील की जाती है तब पत्रकारों का रुख पुलिस प्रशासन के प्रति सहयोगात्मक रहता है । उन्होंने कहा कि देश की न्याय व्यवस्था के तहत संज्ञेय व असंज्ञेय अपराध के मामलों में पुलिस को अलग-अलग तरह से कार्यप्रणाली अपनाना पड़ती है ।

पुलिस को मिली हुई शिकायत सूचना को पंजीबद्ध करना आवश्यक हो जाता है वहीं कई अपराधों में पुलिस के पास जांच का अधिकार भी होता है पुलिस भी समाज का ही अंग है जिन्हें भी सकारात्मक पत्रकारिता की उम्मीद पत्रकारों से रहती है । -- नीमच जिला न्यायालय के लोक अभियोजन अधिकारी वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष जोशी ने कहा कि पत्रकारिता का अपना एक इतिहास है निष्पक्ष तथ्यात्मक और साक्ष्य के साथ प्रस्तुत किए गए समाचारों ने देश की सत्ता तक को हिलाकर रख दिया ।

देश विदेश के ऐसे कई उदाहरण हैं जब पत्रकारिता की ताकत से सत्ता परिवर्तन तक हो गया । देश में कई बार ऐसी परिस्थितियां बनी जब पत्रकारिता को दबाने का प्रयास किया गया लेकिन पत्रकारिता के लिए निष्ठावान पत्रकारों ने अपनी कलम को नहीं रोका। श्री जोशी ने कहा कि दुनिया गोल है पत्रकार इस गोल दुनिया के पीछे भागता है जबकि यदि पत्रकारिता निष्पक्षता और सत्यता के साथ की जाए तो यही गोल दुनिया के पीछे पत्रकार को नहीं जाना होगा बल्कि दुनिया पीछे आ जाती है । उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि दक्षिण अफ्रीकी के फोटो जर्नलिस्ट केविन कार्टर ने मार्च 1993 में साउथ सूडान जाकर फोटोशूट किया, फोटो साउथ सूडान में भुखमरी से जूझ रहे एक बच्चे की थी जिसमें एक बच्चा भुखमरी से पूरी तरह मरने की कगार पर था और एक गिद्ध उसका पीछा करते हुए बच्चे के मरने का इंतजार कर रहा था। उक्त फोटो कवरेज के कारण केविन कार्टर को कई पुरस्कार मिले लेकिन जब उन्हें इसके लिए आलोचना सहन करना पड़ी फोटो को कैमरे में कैद करने की अपेक्षा उन्हें बच्चे की मदद करना चाहिए थी इस तथ्य से गमगीन होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली । इसी तरह विपदा की घड़ी में पत्रकारों को भी कवरेज से पहले आदर्श समाज सेवी की भूमिका निभाना चाहिए ।

श्री जोशी ने कहा कि पत्रकार समाज का आईना होता है लेकिन कई लोग इस पेशे की गरिमा को भूल कर जेब में आईना रखकर घूमते हैं और सामने वाले को आईना दिखाते हुए कहते हैं कि बता इस आईने में तेरी सूरत किस तरह प्रस्तुत करनी है उन्होंने कहा कि यह तरीका गलत है ।

-- ज्ञान मंदिर विधि महाविद्यालय के वरिष्ठ व्याख्याता डॉक्टर नवीन चौहान ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पत्रकार ना पक्ष का होता है ना विपक्ष का होता है वह लोकमत के आधार पर कार्य करता है, केवल पेन रखने से कोई पत्रकार नहीं बन जाता, संवेदनशीलता होना भी जरूरी है उन्होंने कहा कि तलवार की मार से केवल एक या दो व्यक्ति घायल हो सकते हैं लेकिन कलम की मार हजारों को मारने की क्षमता रखती है । इस ताकत का पत्रकारों को हमेशा सही दिशा में उपयोग करना चाहिए उन्हें समाज को जगाना चाहिए । श्री चौहान ने कहा कि सत्य वाद का प्रकाशन जो लोकहित के लिए गया हो वह मानहानि की श्रेणी में नहीं आता, लेकिन यह सुनिश्चित हो कि वह वास्तविकता में लोकहित के लिए किया जा रहा है । साथ ही पत्रकारों को कभी पार्टी नहीं बनना चाहिए वास्तविक तथ्य का प्रस्तुतीकरण उनकी जिम्मेदारी है ।

-- पत्रकारों को संबोधित करते हुए प्रसिद्ध साहित्यकार और वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद रामावत ने सबसे पहले पत्रकार शब्द का अर्थ बताते हुए कहा कि पत्र का मतलब होता है पत्र और कार का मतलब होता है किसी भी संज्ञा या सर्वनाम के साथ कार्य को पूरा करने वाला अर्थात पत्र संबंधी कार्य को पूरा करने वाला पत्रकार । उन्होंने कहा कि संवाददाता वह है जो सुनी हुई या लिखे हुए संवाद को उसी तरह समाचार के रूप में प्रस्तुत करें । सरकार जो योजनाएं लाती है उनको अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का दायित्व पत्रकार के पास होता है । उन्होंने कहा कि आपके 10 लाइन की खबर में यदि एक शब्द भी बेवजह लिखा गया है तो वह पूरी खबर मर जाती है, उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि कई बार गांव में जिस गांव की जनसंख्या 600 रहवासी होती है उस गांव में स्वर्गवासी होने वाले व्यक्ति के लिए उनका नाम संबोधित करते हुए लिखा जाता है कि यह उनकी अंतिम शव यात्रा थी जिसमें हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे उन्होंने इस वाक्यांश को हास्य पद बताया बताते हुए कहा कि अंतिम शव यात्रा कोई शब्द नहीं होता है शव यात्रा अंतिम ही होती है साथ ही जिस गांव में 600 लोग रह रहे हो वहां हजार की संख्या में लोग कैसे मौजूद हो सकते हैं ।

श्री रामावत ने समाचार लिखते समय ऐसी बातों का ध्यान रखने के लिए कहा उन्होंने बताया कि कई बार पत्रकार साथी अपनी हैडलाइन को सनसनीखेज बनाने के लिए लिख देते हैं कि एक व्यक्ति को भयंकर सांप ने काटा, इस हेड लाइन में भयंकर शब्द की कहां आवश्यकता है, काटने वाले सांप को सुंदर तो नहीं कहा जा सकता । श्री रामावत ने कहा कि आज के पत्रकारिता में शाम 5:00 बजते हैं अलग-अलग संस्थानों के पत्रकार गण एक दूसरे को फोन लगाते हैं और बोलते हैं कि तूने खबर लिख ली हो तो मुझे भेज दे जो मैंने लिखी है वह तुझे भेज देता हूं, जिसके कारण अगले दिन समाचार पत्रों में समाचार एक जैसे दिखाई देते हैं यह गलत है । प्रेस नोट का प्रचलन गलत है पत्रकारों को समाचारों को अलग-अलग दृष्टिकोण प्रस्तुत करना चाहिए, ताकि आमजन तक अलग-अलग समाचार पहुंच सके । उन्होंने कहा कि यह बड़ी विडंबना है कि राजनीति और पत्रकारिता दो ऐसे सम्मानजनक पेशे हैं जिसमें योग्यता की आवश्यकता नहीं होती बल्कि यह दोनों सामने वाले से योग्यता पूछते हैं इसमें भी संशोधन होना चाहिए ।

राजनीति और पत्रकारिता में आने के लिए योग्यता बहुत आवश्यक हो चुकी है । उन्होंने कहा कि जो भी लोग पत्रकार यह उन्होंने कहा कि जो पत्रकार यह सोच कर गौरान्वित महसूस करते हैं कि उन्हें लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है वह गलत सोचते हैं पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ नहीं बल्कि पूरे लोकतंत्र की ताकत है । सच्चे और अच्छे पत्रकार बने ताकि लोगों को लगे कि पत्रकार के कारण लोकतंत्र जिंदा है, श्री रामावत ने कहा कि आप के कारण खबर की पहचान नहीं बनती बल्कि खबर के कारण आपकी पहचान बनती है विभिन्न विभाग या क्षेत्रों में हो रहे भ्रष्टाचार लापरवाही को संज्ञान में लेते हुए कम से कम एक तथ्यात्मक समाचार ऐसा होना चाहिए जो विभिन्न विभाग में हो रही त्रुटियों को दूर कर दे । कार्यशाला के अंतिम चरण में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया क्लब के संरक्षक हरीश अहीर ने आभार वक्तव्य प्रस्तुत किया । पश्चात क्लब के सभी सदस्यों ने मिलकर अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए तत्पश्चात सभी ने स्नेह भोज का आनंद लिया ।

कार्यशाला के सफल आयोजन में रोटरी क्लब, डेल्टा फोटोकॉपी, अमित स्पोर्ट्स, सहानी टेंट हाउस का महत्वपूर्ण सहयोग रहा । वहीं सफल आयोजन में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया क्लब की टीम कार्यशाला संयोजक कृष्णा शर्मा, कार्यशाला पंजीयन प्रभारी कमलेश जैन, कोषाध्यक्ष विजीत महाडिक, मीडिया प्रभारी अफजल कुरेशी, वेबसाइट कोऑर्डिनेटर विनोद गोठवाल, टूर कोऑर्डिनेटर गोपाल मेहरा, राकेश मालवीय, दशरथ अहीर, राहुल मेघवाल, नंदकिशोर दमामी, नरेंद्र गेहलोत, जावेद खान, प्रवीण व इमरान की महत्वपूर्ण भूमिका रही ।

Related Post