संसार मे ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका समाधान ना हो
सिंगोली। स्थानीय श्री वर्धमान स्थानक भवन पर विराजमान वाक चिंतामणि समरस शिरोमणि प्रज्ञानिधी संयम सुमेरू आचार्य प्रवर श्री विजयराज जी म सा ने आज की धर्म सभा को संबोधित करते हुए बताया की धर्म करना, धर्म की प्रेरणा करना तथा धर्म करे उसकी अनुमोदना करना ही सबसे बडा धर्म है। ओर धर्म का मर्म दान शिल तप ओर भावना है। इसलिए हमे जिनवाणी मे बताये मार्ग पर चलते हुए दान शील तप ओर भावना के मार्ग पर चलना चाहिए यही मार्ग हमे हमारी सही मंजिल तक ले जाने वाला है। हर समस्या का समाधान धर्म से हो जाता है। ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका समाधान धर्म से ना हो ।
आचार्य श्री यह भी बताया कि सिर्फ माला फिरोने से कुछ नहीं होने वाला है जीवन का उद्धार तो मन को फिरो कर धर्म की राह पकडने पर होगा। गुरूदेव ने यह भी कहा कि माल के 108 मनके जीवन के उद्धार की राह है। परन्तु इस पर हमे ज्ञान दर्शन चारित्र जैसे आदर्शो को अपनाकर चलना होगा तभी हमारे जीवन का उद्धार है।
आज की धर्म सभा में अनेक स्थानों के श्रावक श्राविकाएं उपस्थित थे। धर्म सभा के दौरान ही आचार्य श्री ने कल 2 मार्च के प्रवचन के पश्चात कास्यां की ओर विहार के भाव व्यक्त किये। सिंगोली श्री संघ ने आचार्य प्रवर श्री विजयराज जी म सा से कुछ समय ओर सिंगोली श्री संघ को देने की विनती की इस आचार्य श्री ने कहा कि संत चलता ओर पानी बहता ही अच्छा लगता हैं। सिंगोली श्री संघ की धार्मिक भावनाओं से पूज्य गुरुदेव काफी प्रभावित हुए ओर सभी को अधिक से अधिक धर्म आराधना करने का संदेश दिया।