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पार्श्वनाथ समवशरण विहार रथोत्सव आज से, 225 कमलों पर भगवान पार्श्वनाथ की झांकी रहेगी आकर्षण का केन्द्र

प्रदीप जैन February 25, 2021, 10:03 pm Technology

सिंगोली। समीपस्थ ग्राम बिजौलिया राजस्थान में विराजित संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज के परम प्रभाव शिष्य निर्यापक श्रमण मुनि पुंगव 108 सुधासागर महाराज ससंघ मुनि श्री महा सागर जी मुनि श्री निश्कम्प सागर जी महाराज के क्षुल्लक श्री गम्भीर सागर जी महाराज क्षुल्लक श्री धैर्य सागर जी महाराज एवं प्रतिष्ठा चार्य प्रदीप भइया व्रह्मचारी महावीर भइया के निर्देश में 25 फ़रवरी को क़स्बे के पार्श्वनाथ तपोदय तीर्थ क्षेत्र से विशाल समशवरण रथोत्सव के साथ विहार करेंगे।

भगवानके साथ पद विहार रक्षा कवच का काम करेगा:-

भारत वर्षिये दि जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी के राष्ट्रीय मुख्य पात्र तीर्थ वंदना के सह सम्पादक विजय जैन धुर्रा ने जिज्ञासा समाधान में कहा कि परम पूज्य मुनि पुगंव सुधासागरजी महा राज ने अपने प्रवचनो के दौरान कहा था कि यदि आपको घर में सुरक्षा व सुविधाओं की आवश्यकता है तो विधान पूजन पंचकल्याणक आदि करे और वाहर सुरक्षित रहना है यात्रा करना तो भगवान के साथ ये पदयात्रा रक्षाकवच का कार्य करेगा अब आपकी मर्जी है उन्होंने कहा कि जव भी आपके नगर में प्रभु विहार में निकले तो स्वागत में समर्पित हो जाना पुण्य कमाने के ये मौके कम आते हैं मिला है अवसर तो लाभ ले।उन्होंने कहा कि ये पदयात्रा नहीं है ये तो गगंन विहार भगवान पार्श्वनाथ स्वामी के समवशरण का श्री विहार का रूप है।

मुनिपुगंव श्री सुधासागरजी महाराज संसंघ देशनोदय तीर्थ चंवलेश्वर के लिये दोपहर 1.15 बजे प्रस्थान करेगें । इसको लेकर श्री पार्श्वनाथ समवशरण विहार रथोत्सव का आयोजन होगा। भव्य ऐतिहासिक विहार की जानकारी देते हुए आयोजन कमेटी से जुड़े प्रवीण चोधरी ने बताया कि मुनि ससंघ का 25 फरवरी को सलावटिया रात्रि विश्राम, 26 फरवरी को सुबह मेनाल आहार, लाडपुरा रात्रि विश्राम, 27 फरवरी को माण्डलगढ सुबह आहार, मुकुनपुरिया स्कुल रात्रि विश्राम, 28 फरवरी को सुबह मानपुरा में आहार, महुआ में रात्रि विश्राम, 1 मार्च सुबह जगपुरा स्कुल में आहार, भृगुनगर स्कूल रात्रि विश्राम, 2 मार्च सुबह आमल्दा में आहार होगा एवं चंवलेश्वर पार्श्वनाथ में विभिन्न मंडलों की ओर से प्रभावना वितरित की जायेंगी।

पाटनी जी ने किए दर्शन :-

सुप्रसिद्ध उधोगपति जैन समाज के भामाशाह जैन गौरव के आधार स्तंभ बावूजी कँवरलाल पाटनी महावीर प्रसाद पाटनी वीते दिवस तपोदय तीर्थ विजोलिया पहुँचकर परम पूज्य गुरुदेव मुनि पुगंव श्री सुधासागरजी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त कर श्री चरणों में श्रीफल भेंट किए उनके साथ विमल पाटनी श्रीमति तारिका भावी सहित आर के मार्बल परिवार जन साथ थे श्री कँवरलालजी पाटनी ने मुनि पुगंव के दर्शन कर तीर्थ की महिमा जान और कहा कि मुनि श्री ने यहां जितना लम्बा सान्निध्य दिया वैसे ही कमेटी ने कार्य कर तीर्थ को चमन कर दिया उन्होंने अध्यक्ष लाभचन्द पटवारी व विकास जैन विजय धुर्रा से चर्चा करते हुए कहा कि मुनि श्री के चरण पड़ने से जो कार्य प्ररभ्य हुए हैं वे रूकना नहीं चाहिए जो घोषणाये हुए हैं उनके खाते डालकर राशि के लिए सम्पर्क करें जिससे तीर्थ की निरन्तर प्रगति होती रहें।

विहार में यह रहेगा मुख्य आकर्षण :-

तपोदय तीर्थ विजोलिया के अध्यक्ष लाभचंद पटवारी महामंत्री प्रकाश जी गोधा ने बताया कि मुनि ससंघ के विहार में मुख्य आकर्षण 7 हाथी जिन पर सोधर्म इन्द्र, कुबेर, चक्रवती, इशान इन्द्र, सनत कुमार इन्द्र, माहेन्द्र इन्द्र, महायनायक विराजित होगें। 23 बग्गियां जिन पर ब्रहा्र इन्द्र, लांतव इन्द्र, शुक्र इन्द्र, शतार इन्द्र, आनत इन्द्र, प्राणत इन्द्र, आरण इन्द्र, अच्युत इन्द्र व 12 बग्गियों पर प्रीती इन्द्र व अन्य पर चन्द्र इन्द्र, सुर्य इन्द्र विराजमान रहेगें। 500 केसरिया ध्वज हाथों में लिए महिलाएं व पांच घोडो पर युवा, मारूति वेन पर धर्मचक्र, मंगल कलश, अष्टमंगल द्रव्य, डीजे, झांकिया, इन्द्र-इन्द्रानियों के विमान अष्ट कुमारियों का विमान, गगन विहारी झांकी, छतरी नृत्य समुह, बैंड-बाजे, रथ, 32 चंवर टीमें, गजरथ भी विहार की शोभा बढाएंगें।

प्रभावना व भोजन व्यवस्था इनके जिम्मे:-

समस्त व्यवस्थाओ को तपोदय तीर्थ क्षेत्र कमेटी विजोलिया के तत्वावधान में मेवाड़ सुधासागर कांन्ति दल के समस्त कार्यकर्ता के साथ ही भीलवाड़ा जिले की सुपर कमेटी के साथ श्री चंवलेश्वर नवयुवक मण्डल डाबी, ठुकराई, चेची कोटडी, बेंगू, मानपुरा, शाहपुरा, बूंदी, आमल्दा, देवली, सांवर, चंवलेश्वर पाश्र्वनाथ मंडल अपनी सेवाएँ निरन्तर देगा। निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव सुधासागर जी महाराज ने प्रवचन मे कहा धर्म को छोड़कर स्वर्ग मिले नहीं धर्म के साथ नरक भी चलेगा। नरक या स्वर्ग-सम्यकदृष्टि वह जो दुर्गति से डरकर धर्म से बचाले,भगवान नर्क में नहीं चला जाऊं यह सोचकर मैं सम्यक दर्शन प्राप्त करने में लगे हैं ऐसे में सम्यकदर्शन को प्राप्त किया है सम्यकदर्शन के साथ नरक सम्यक दर्शन के बिना स्वर्ग आपको प्राप्त होगा तो आप क्या करोगे आप कहोगे कि मुझे सम्यकदर्शन के साथ नरक जाना मर जाना मैं नरक जाऊँगा लेकिन स्वर्ग जाना बगैर सम्यग्दर्शन के साथ नहीं दुखी रह सकता हूं मैं लेकिन सुख के लिए सम्यग्दर्शन नहीं छोड सकता हुं।

.साधु कौन-साधु वो है जो मोक्षमार्ग में सुखी हो तो सुकौशल मुनि महाराज को श्यालनी खा रही है और उनको सबको अनुभव हो रहा है जिन जिन वस्तुओं से हम दुखी होते हैं हमें दुखों से हम सुखी होते हैं भूख लगी है फिर भी सुखी पर किसी को दुखी सुखी नहीं कर सकता यह मृगमरीचिका है। सुख की खोज में व्यक्ति दुखी हो रहा है। उन्होंने कहा कि -सुख की खोज में व्यक्ति दुखी हो रहा है मंजिल को प्राप्त नहीं कर पा रहा है मंजिल को प्राप्त होने के बाद हुई। शुरुआत में इतना दुख हैं तो बाद में कितना दुख होगा शुरुआत में इतना सुख है बाद में कितना सुख होगा तेरी मूर्ति इतनी सुंदर तू कितना सुंदर होगा।ये सिद्धांत पर चलना हैं मौत सामने हो और आप निर्भय हो मरने को सुख का कारण बना लो आप सुखी हो जाओगे।

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