मोह त्याग ही आज की सबसे बड़ी तपस्या- आचार्य विजयराज जी
सिंगोली। सिंगोली क्षैत्र वासियों के अहोभाग्य से आज प्रज्ञानिधी संयम सुमेरू आचार्य प्रवर 1008 पूज्य गुरुदेव श्री विजयराज जी म.सा का सिंगोली नगर मे भव्य मंगल प्रवेश हुआ। पुरा नगर दुल्हन की तरह सजा ओर भक्तों ने अपने भगवान का आत्मिय अभिनन्दन किया बुधवार को प्रातः आचार्य श्री अपने संत मंडल के साथ समीपस्थ ग्राम ताल से विहार कर 9-30 बजे के लगभग सिंगोली नगर की धरा को पावन करने के लिए पधारे नगर सीमा पर एकत्रित भक्तों मे हर्ष की लहर दौड़ गई ओर पुरा वातावरण जयकारो से गुंज उठा। आचार्य श्री के साथ साथ आचार्य श्री उमेश मुनि जी अणु के सुशिष्य एवं आगम विशारद बुद्ध पुत्र प्रवर्तक श्री जिनेन्द्र मुनि जी मा सा के आज्ञानुवर्ती मधुर कंठी दीर्घ तपस्वी पूज्य श्री दिलीप मुनि जी मा सा आदी ठाणा 4 तथा आचार्य श्री विजयराज जी म. सा.की आज्ञानुवर्तीनी शासन प्रभाविका विदुषी महासती पूज्या श्री तारा कंवर जी म.सा.आदि ठाणा 4 तथा शासन प्रभाविका विदुषी महासती पद्मश्री जी म.सा आदी ठाणा 4 चतुर्विद संघ का ऐतिहासिक नगर आगमन हुआ।
आचार्य श्री के स्वागत अभिनन्दन मे पुरे नगर में तोरण द्वार बनाये गये। ओर समाज जनो के साथ साथ सामाजिक संगठन उज्जवल भारत अभियान मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ बजरंग व्यायाम शाला सरस्वती शिशु मंदिर विधार्थी परिषद किराना व्यापारी संघ दिगम्बर जैन समाज गूर्जरगौड ब्राह्मण समाज स्वर्णकार समाज राष्ट्रीय राजपूत महासभा शाखा सिंगोली कपड़ा व्यापारी संघ महा व्यापार संघ आदी संगठन ने आचार्य श्री ओर संत तथा सती मंडल की अगवानी करते हुए वंदन अभिनन्दन किया। आचार्य श्री नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुए श्री वर्धमान स्थानक भवन पर पधारे जहां संत सतीयो का आगमन एक धर्म सभा में परिवर्तित हो गया। धर्म सभा को संबोधित करते हुए आचार्य श्री ने फरमाया कि आज के युग में सबसे बड़ी कोई तपस्या है तो वो मोह त्याग की तपस्या है। आदमी उपवास बेला तेला आसानी से कर लेगा पर मोह का त्याग किंचित मात्र नही कर सकता है। आचार्य श्री ने यह भी फरमाया कि श्रावक श्राविकाओ की क्या बात करें आज संत सतिया तक मोह ओर अंहम से ग्रसित है। संत सतियोके को समाज को सही दिशा देने के लिए पहले स्वयं को मोह ओर अंहम का त्याग करना होगा तभी हम समाज को सही दिशा दे पायेंगे। श्रावक श्राविकाओ को भी धर्म के मर्म को समझते हुए सिर्फ और सिर्फ धर्म से जुड़ना चाहिए कि वो धर्म से जुड़े ना की संप्रदाय वाद से। संत सतिया सबके होते हैं जैसे सूरज सरोवर सरिता सड़क किसी व्यक्ति विशेष की नहीं होती है ठीक संत सतिया भी सबके होते हैं।
आचार्य श्री ने फरमाया कि आप बड़ी बड़ी तपस्या ना कर सिर्फ छोटे छोटे मोह ओर अंहम को त्याग कर भी अपने जीवन को सफल बना सकते है। आचार्य श्री के आगमन पर सिंगोली श्री संघ ने पंच दिवसीय धर्म आराधना महोत्सव कार्यक्रम मनाने का तय किया। दिनांक 24 को जीवदया दिवस के रूप में मनाते हुए समाज जनो ओर दान दाताओ ने हजारों रूपये की घोषणा जीवदया फंड में की। 25 फरवरी को आचार्य श्री विजयराज जी म.सा का दिक्षा दिवस नवकार मंत्र का पैसठिया यंत्र के साथ जाप का आयोजन 26 फरवरी को चतुर्दशी होने से दया दिवस के रूप में मनाने का तय 27 फरवरी को आचार्य श्री का तरूणाचार्य चादर दिवस एकासन दिवस के रूप में मनाने का तय किया तथा 28फरवरी को पूज्या गूरूणी मैय्या श्री यश कंवर जी मा सा की स्मृति दिवस धर्म आराधना के साथ मनाया जावेंगा। इस तरह पंच दिवसीय महोत्सव हर्ष ओर उल्लास के साथ मनाया जावेंगा। गुरूदेव के सानिध्य में प्रति दिन प्रातः प्रार्थना, ABC क्लास, प्रवचन, दोपहर की मांगलिक, सांय को प्रतिक्रमण तथा धर्म चर्चा रहेगी। आज के मंगल प्रवेश कार्यक्रम में नीमच सरवानियां महाराज मोरवन रतनगढ़ अंथवा कदवासा धारड़ी कास्यां डाबी बिजौलियां बेगूं पारसोली बोराव धांगणमऊ बैंगलोर आदी स्थानो के लोग उपस्थित थे। मंगल प्रवेश के दौरान पूर्व विधायक दुलीचंद जैन उज्जवल भारत अभियान मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप जैन संघ के अध्यक्ष प्रकाश नागौरी एवं मंत्री पवन मेहता भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष अशोक सोनी विक्रम ब्लाॅक कांग्रेस अध्यक्ष बनवारी जोशी नगर भाजपा अध्यक्ष निशांत जोशी गूर्जरगौड ब्राह्मणसमाज के राष्ट्रीय पदाधिकारी बाबुलाल शर्मा जिलाध्यक्ष हरिश शर्मा सहित अनेक संगठनों के पदाधिकारी सहित समाज जन उपस्थित थे।