आज की युवा पीढ़ी पढ़ लिख लेने के बाद उनका यही प्रश्न होता है कि हमारी नौकरी कब लगेगी, सरकारी नौकरी के लिए आज भी अधिकांश लोग प्रयासरत रहते हैं। कुछ सफल हो पाते हैं और कुछ को केवल संघर्ष का सामना करना पड़ता है। ग्रह और ग्रह स्थितियां व्यक्ति के जीवन में सरकारी नौकरी की संभावनाओं को बढ़ाती हैं.. ज्योतिष में सूर्य को सरकार और सरकारी कार्यों का कारक माना गया है, अतः सरकारी नौकरी के लिये व्यक्ति की कुंडली में सूर्य की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसके अलावा कुंडली का दशम भाव हमारी आजीविका या रोजगार की स्थिति को दिखता है और शनि आजीविका या नौकरी का प्राकृतिक कारक है। कुंडली का छठा भाव नौकरी को दर्शाता है। इसके अतिरिक्त सरकारी नौकरी के लिए गुरु का बली होना भी अति आवश्यक होता है
अतः कुंडली में सूर्य बली होने के साथ - साथ सूर्य के साथ ग्रहों का शुभ सम्बन्ध बनने पर सरकारी नौकरी की संभावनाएं होती हैं।
१:- सरकारी नौकरी के लिए हमें सूर्य, शनि और गुरु की स्थिति देखनी होती है। यदि सूर्य बली होकर दशम भाव में बैठा हो या दशम भाव पर सूर्य की दृष्टि हो तो सरकारी नौकरी का योग बनता है।
२:- यदि कुंडली में सूर्य और शनि एक साथ शुभ स्थानों में हो या शनि पर सूर्य की दृष्टि पड़ती हो तो सरकारी नौकरी का योग बनता है।
३:- यदि सूर्य बली होकर कुंडली के छटे भाव में हो तो भी सरकारी नौकरी का योग बनता है।
४:- सूर्य कुंडली के बारहवें भाव में हो तो भी सरकारी नौकरी की संभावनाएं होती हैं।
५:- यदि शनि "सिंह राशि" में हो और सूर्य ठीक स्थिति में हो तो भी सरकारी नौकरी का योग बनता है। यदि कुंडली में सूर्य स्व-राशि (सिंह) या उच्च-राशि (मेष) में हो तो भी सरकारी नौकरी या सरकार से जुड़कर कोई कार्य करने का योग होता है।
६:- सूर्य और बृहस्पति (आमने सामने) का योग भी यदि शुभ भाव में बना हो तो सरकार में कोई उच्च पद दिलाता है। सूर्य और बृहस्पति का शुभ भावों में होकर समसप्तक (आमने सामने) होना भी सरकारी नौकरी की सम्भावना बनाता है।
७:- सूर्य अगर सिंह या मेष राशि में हो और किसी पाप ग्रह जैसे (सूर्य+राहु या सूर्य+केतु) और ( गुरु+राहु) से पीड़ित ना हो तो भी सरकारी नौकरी की अच्छी संभावनाएं बनती हैं।
८:- सरकारी नौकरी या सरकार से जुड़े कार्यों में सूर्य की स्थिति का ही सबसे ज्यादा महत्व होता है अतः कुंडली में सूर्य का नीच राशि (तुला) मे या सूर्य अष्टम भाव में हो, यह सूर्य डिग्री में कमजोर हो तो ऐसी स्थिति में राजकीय सेवाओं के योग को कम करता है।