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युवा पत्रकार स्व.आशीष सोडानी की 21वी पुण्य तिथि पर स्मृति शेष

निर्मल मूंदड़ा November 12, 2020, 10:20 pm Technology

 अचानक चले गए बीच राहों से दिल से नहीं जा पाओगे,आंखों में आंसू है गम के उम्र भर यूं ही याद आओगे

रतनगढ़। धार्मिक, साहित्यिक, राजनीतिक, दीनदुखियों, पीड़ित, शोषित, कमजोर वर्ग की सेवा कार्य का कोई भी मौका या कार्यक्रम हो हर कार्य में सदैव निःस्वार्थ भाव से तत्पर रहने वाला सही मायने में डिकैन नगर या यू कहे कि नीमच जिले के माहेश्वरी समाज का सच्चा युवा समाजसेवी निष्पक्ष,बैदाग लेखनी का धनी,युवा पत्रकार प्रिय मित्र भाई आशीष सोडानी जो आज हमारे बीच में तो नहीं है लेकिन उनके द्वारा किए गए पुनित सेवा कार्य,अद्भुत लिखने की कार्यशैली आज भी उनके मरणोपरान्त इतने वर्षों बाद भी क्षेत्र के सैकड़ों लोगों के दिलों में अपनी अमिट यादों एवं स्मृतियों के रूप में उन्हें जीवंत बनाए हुए है।(जन्म-दिं.14/ 9/78 स्वर्गारौहण दिं.12/11/99) नीमच जिला मुख्यालय से मात्र 38 किलो मीटर की दूरी पर स्थित छोटे से कस्बे डिकैन नगर के प्रतिष्ठित मध्यम वर्गीय परिवार के श्री पुरुषोत्तम जी सोडानी के सबसे छोटे चौथे नम्बर के पुत्र युवा समाजसेवी अनिल, सतीश, शरद सोडानी रतनगढ के छोटे भाई आशीष सोडानी का जन्म डिकैन नगर में 14 सितम्बर 1978 को हुआ। आशीष बाल्यकाल से ही पढ़ाई, खेलकूद के साथ ही विभिन्न सांस्कृतिक, धार्मिक, सामाजिक एवं राजनीतिक गतिविधियों में भी हमेशा से अव्वल रहा एवं हर गतिविधि मे सदैव सक्रियता से बढ़- चढ़कर भाग लेता रहा। साथ ही युवावस्था में भारतीय जीवन बीमा नीगम के बीमा व्यवसाय एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में उतरकर क्षेत्र की जन समस्याओं को अपनी बैबाक लेखनी के माध्यम से उठाकर स्वयं को पत्रकारिता के क्षेत्र में दमदार रुप से स्थापित कर क्षेत्र को एक अलग ही पहचान दिलाई। स्व. आशीष ने पत्रकारिता के माध्यम से समाजसेवा की।और अपनी लेखनी के माध्यम से सक्रिय पत्रकारिता कर पूरे अविभाजित नीमच, मंदसौर जिले में निष्पक्ष व निडर पत्रकारिता की एक अलग ही छाप छोड़ी। लेकिन विधाता को तो कुछ और ही मंजूर था विधाता को भी नैकदिल अच्छे लोगों की सदैव जरूरत होती है जिन्हें वह जल्दी ही अपने पास मे बुला लेता है।दिनांक 15 नवंबर 1999 को रतनगढ़ में मालव माटी के वरद पुत्र पंडित कमल किशोर जी नागर के रतनगढ नगर मे होने वाले प्रवचनों के प्रचार प्रसार हेतु समाचार एवं विज्ञापनों को लेकर दिनांक 12 नवंबर 1999 को मोटर साईकिल से नीमच जाते वक्त रास्ते में बहुत ही ह्रदय विदारक सड़क दुर्घटना घटित हुई जिसमें युवा पत्रकार एवं एक अन्य साथी बहुत बुरी तरह से घायल हो गए जिन्हें नीमच जिला चिकित्सालय ले जाया गया। लेकिन काफी प्रयासों के पश्चात भी युवा पत्रकार आशीष सोडानी को बचाया नहीं जा सका परिवार समाज सहित पत्रकारिता जगत को आज भी इनकी अपूरणीय क्षति को पूरा कर पाना संभव नहीं है। दिनांक 12 नवंबर 1999 को उनके स्वर्गारोहण दिवस पुण्यतिथि के अवसर पर स्मृति के रूप में केवल अब उनकी यादे ही हमारे बीच में शेष है।

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