अब तीव्र गति से विकास के साथ ही प्रशासनिक महकमे में बदलाव की उम्मीद
जावद। विधानसभा के लोकप्रिय विधायक ओमप्रकाश सकलेचा जिन्होंने विधायक रहते अपनी कार्यकुशलता एवं विकास कार्यों की बेहतरीन तकनीक के दम पर केंद्रीय मंत्रियों सहित पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ तक को जावद विधान सभा के विकास कार्यों के मॉडल को अपनाने पर मजबूर कर दिया निश्चित रूप से जावद विधान सभा में विकास कार्यों की एक अलग ही कहानी को बयां करती है विधायक सकलेचा के द्वारा अपने विधायकी कार्यकाल के दौरान बदले की राजनीति से परे हटकर अपनी एक अलग ही स्वच्छ व पारदर्शी छवि क्षेत्र में जनता के बीच मे स्थापित की। इसमे चाहे पूरे देश मे सर्वप्रथम जावद विधानसभा क्षेत्र मे डिजिटल शिक्षा प्रणाली लागु करने का मामला हो, या सौर ऊर्जा संयत्र लगाने का मामला, चाहे विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्रों में बिछाया गया सड़कों का जाल हो या जगह जगह जल संरक्षण के लिये बनाए गए पुलिया एवं स्टापडेम का निर्माण हो, आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण हो, युवाओं के लिए खेल स्टेडियम हो,या समस्त हायर सेकेंडरी स्कूलों में विद्यार्थियों के बेठने के लिए नवीन फर्नीचर की व्यवस्था हो, विद्यार्थियों को टेबलेट्स वितरण,शिक्षकों की व्यवस्था,सहित कई एसे जन हितेषी कार्य किये जिन्हे गिनाया नही जा सकता विधायक सकलेचा जनसेवा के मामले मे हर प्रकार से पूरी तरह से अव्वल रहे एवं जन समस्याओं का प्राथमिकता से निदान किया।
अब जब शिवराज सिंह सरकार मे विधायक ओमप्रकाश सकलेचा को कैबिनेट मिनिस्टर का महत्वपूर्ण दायित्व मिला है तो निश्चित रूप से जिले सहित क्षेत्र में विकास की रफ्तार बढने की भी एक नई आस जगी है। इसके साथ ही मंत्री बनने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं एवं आमजन में तीव्र महत्वाकांक्षाए भी बढी है। मंत्री जी के आसपास चापलूस लोगों का जमावड़ा भी निश्चित रुप से बढने का अंदेशा है।
ऐसे में निष्ठावान भाजपा कार्यकर्ताओं के मन में भी अजीब सी बेचैनी का माहोल है। कैबिनेट मंत्री बनकर प्रथम बार क्षेत्र में पधारे श्री सकलेचा की जिम्मेदारी अब और बढ़ गई है क्योंकि पिछले 15 माह के कांग्रेसी शासन के दौरान क्षेत्र में अधिकारी कर्मचारियों की भयंकर तानाशाही के साथ ही दलाल प्रवृत्ति के लोगों का दबदबा बहुत बढ़ गया है जो भाजपा शासन आने के बाद भी निरंतर जारी है भाजपा कार्यकर्ताओं एवं आम जनता को छोटे से छोटे कार्य को करवाने के लिए दलालों के माध्यम से पैसे देने पड़ रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों के ऊपर किसी प्रकार का नियंत्रण नहीं होने से वे बेलगाम हो गए है।अफसरशाही हर तरफ हावी है।निरंकुशता बहुत अधिक बढ़ गई है। कैबिनेट मंत्री महोदय को क्षेत्र की जिन समस्याओं पर प्राथमिकता से ध्यान देना होगा।उनमे प्रमुख रुप से क्षेत्र के युवाओं को रोजगार की प्राथमिकता, जिला चिकित्सालय सहित सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों की नियुक्ति की प्राथमिकता,बाणदा बांध को पूरा कराना, कई वर्षों से जमे अधिकारी कर्मचारियों के स्थानांतरण के मामले, क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण, अवैध उत्खनन,अवैध बंटवारे एवं नामांतरण के मामले हो,अवैध भू माफियाओ के मामले हो, कांग्रेसी शासन में निर्दोष भाजपा कार्यकर्ताओं पर बनाए गए झूठे प्रकरणों को हटाने के मामले हो, अवैध रेत माफियाओं के मामले हो, प्रधानमंत्री आवास में अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के मामले हो, कोविड-19 के तहत खरीदी गई सामग्रियों में भ्रष्टाचार के मामले हो,फर्जी एट्रौसिटी एवं अफीम प्रकरणों में निर्दोषों को फंसाये जाने के मामले जो क्षेत्र में बहुत अधिक बढ़ गए है। इन सब पर त्वरित ध्यान दिया जाना होगा। इन सबका मुख्य कारण कई विभागों में वर्षों से एक ही स्थान पर जमे अधिकारी कर्मचारियों का स्थानांतरण नहीं होना भी है। 4 माह बीतने के पश्चात भी भाजपा कार्यकर्ता एवं आमजन प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारियों की तानाशाही से परेशान हो रहे है। इन सब पर विशेष ध्यान लगाना होगा।