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दिमाग हो जाता है समय से पहले बूढ़ा, छोटी उम्र में बढ़ जाता है बुढ़ापे वाली बीमारियों का खतरा

Neemuch headlines October 12, 2025, 9:11 am Technology

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में, नींद अक्सर हमारी प्राथमिकता सूची से बाहर हो जाती है। हम सोचते हैं कि काम या मनोरंजन के लिए नींद को कम करना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन वैज्ञानिक शोध कुछ और ही बताते हैं। यह आदत न केवल आपको थका हुआ महसूस कराती है, बल्कि आपके मस्तिष्क को शरीर के बाकी हिस्सों की तुलना में तेजी से समय से पहले बूढ़ा बना सकती है, जिससे कम उम्र में ही बुढ़ापे वाली बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। 8:46魚 शोध क्या कहते हैं? हाल के बड़े शोधों, विशेषकर यूके में 27,000 से अधिक वयस्कों पर हुए अध्ययन, ने चौंकाने वाले परिणाम दिए हैं।

जो लोग लगातार पर्याप्त या अच्छी गुणवत्ता वाली नींद नहीं लेते हैं, उनके मस्तिष्क की जैविक उम्र उनकी वास्तविक आयु से 1 साल तक अधिक पाई गई है। यहां तक कि सिर्फ एक रात की खराब नींद भी आपके दिमाग को 1 से 2 साल तक बूढ़ा दिखा सकती है। जब नींद की गुणवत्ता लगातार खराब रहती है, तो यह 'ब्रेन एज गैप' बढ़ता जाता है। नींद न पूरी होने पर शरीर में क्या बदलाव होते हैं?

विषैले तत्वों का जमावः -

नींद के दौरान, मस्तिष्क की ग्लिम्फैटिक प्रणाली सक्रिय होती है। यह प्रणाली सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड की मदद से पूरे दिन जमा हुए विषैले प्रोटीन (जैसे एमिलॉइड बीटा) को साफ करती है। नींद की कमी से यह सफाई बाधित होती है, जिससे ये प्रोटीन जमा हो जाते हैं, जो आगे चलकर अल्जाइमर जैसी बीमारियों को जन्म दे सकते हैं।

क्रोनिक इंफ्लेमेशनः-

खराब नींद शरीर में क्रोनिक इंफ्लेमेशन के स्तर को बढ़ाती है। शोध बताते हैं कि मस्तिष्क के समय से पहले बूढ़ा होने और खराब नींद के बीच का संबंध लगभग 10% तक इसी इंफ्लेमेशन के कारण होता है। हार्मोनल असंतुलनः नींद की कमी से भूख बढ़ाने वाले हार्मोन ग्रेलिन और भूख कम करने वाले हार्मोन लेप्टिन का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे वजन बढ़ने और मोटापे का खतरा बढ़ जाता है।

रोगों का खतराः-

लगातार कम नींद से उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, स्ट्रोक और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली का खतरा बढ़ जाता है। कितनी देर की नींद जरूरी: अमेरिकी एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन के अनुसार, 18 से 60 वर्ष के स्वस्थ वयस्कों को इष्टतम स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए नियमित रूप से 7 या उससे अधिक घंटे की नींद लेनी चाहिए। 7 घंटे से कम नींद को अपर्याप्त माना जाता है।

सोने का सही समयः-

सबसे महत्वपूर्ण है नियमितता । आपको हर दिन, यहाँ तक कि सप्ताहांत पर भी, लगभग एक ही समय पर सोना और जागना चाहिए। यह आपके शरीर की आंतरिक घड़ी को सही रखता है अच्छी नींद के लिए

5 उपाय स्क्रीन से दूरी:-

सोने से कम से कम 1 घंटा पहले सभी इलेक्ट्रॉनिक स्क्रीन (मोबाइल, लैपटॉप) बंद कर दें। स्क्रीन की नीली रोशनी मेलाटोनिन जिसे नींद का हार्मोन कहा जाता है, के उत्पादन को बाधित करती है।

माहौल बनाएं:-

अपने शयनकक्ष को शांत, अंधेरा और ठंडा रखें। इसे केवल सोने और आराम करने के लिए उपयोग करें। हल्का भोजनः सोने से 2-3 घंटे पहले भारी भोजन या कैफीन (चाय/कॉफी) से बचें। सोने से पहले हल्का गर्म दूध या केला खाना सहायक हो सकता है। व्यायामः दिन के समय नियमित रूप से व्यायाम करें, लेकिन सोने के ठीक पहले तेज एक्सरसाइज न करें। गहरी सांसः बिस्तर पर जाने से पहले 5-10 मिनट तक गहरी सांस लेने की तकनीक या ध्यान का अभ्यास करें।

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