नेपाल में Gen-Z जनरेशन विद्रोह का आज तीसरा दिन है। आज भी राजधानी काठमांडू समेत पूरे देश में हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे है। सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी युवाओं का आंदोलन अब पूरे देश में हिंसक हो रहा है। आंदोलन में जिस तरह सड़कों पर हाथियारबंद लोग हिंसा करते हुए दिखाई दे रहे है।
उससे पूरा आंदोलन एक तरह से उपद्रवियों के हाथों हाईजैक कर लिया गया है। मंगलवार रात से सेना ने पूरे देश का कंट्रोल अपने हाथों में ले लिया है। सेना के मुताबिक आंदोलन में शामिल लोग स्थिति गलत फायदा उठाकर तोड़फोड़, अराजकता, लूटपाल और आगजनी कर रहे है नेपाल की मौजूदा स्थिति को लेकर वेबदुनिया ने नेपाल के वरिष्ठ पत्रकार कृष्णा अधिकारी से नेपाल में Gen-Z जनरेशन के विद्रोह और उसके बाद की स्थिति को लेकर बात की। नेपाल की पूरी ग्राउंड रिपोर्ट पढ़िए वरिष्ठ पत्रकार कृष्णा अधिकारी की आंखों देखी। नेपाल में इस वक्त भ्रम और डर की स्थिति है किसी को इस बात का अंदाजा नहीं है कि वहां पर कब और क्या हो जाए। आंदोलन कर रहे लोगों और उनकी मांगों को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। नेपाल सरकार ने बिना पंजीकृत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को बंद करने को लेकर Gen-Z जनरेशन में भारी असंतोष था। नेपाल में चल रही ओली सरकार के अंदर भ्रष्टाचार की भरमार थी। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के सोशल मीडिया के बैन को हटाने के बाद भी जेन जी जनरेशन ने संसद भवन, प्रधानमंत्री निवास और कार्यालय, राष्ट्रपति निवास और कार्यालय एवं अन्य सार्वजनिक संपत्तियों को भारी मात्रा में नुकसान पहुंचाया और उनको आग लगा दी। इसके अलावा सरकार से जुड़े लोगों के साथ कर्मचारियों और पुलिस वालों को भी सड़कों पर जमकर पीटा गया एवं थानों को आग के हवाले कर दिया गया। ऐसे में मुझे यह नहीं लगता कि यह काम सिर्फ जेन जी जेनरेशन के द्वारा किया गया है। नेपाली समय के अनुसार मंगलवार रात 10:00 बजे से पूरे देश में आर्मी शासन लागू हो गया है।
आज नेपाल की पॉलीटिकल पार्टी सिविल सोसाइटी और इंडविजुअल्स लोगों के बीच राउंड टेबल बैठक होने जा रही है। इस राउंड टेबल बैठक के बाद ही निर्णय निकलेगा कि नेपाल में किसकी सरकार बनेगी। जेन जी जनरेशन द्वारा मांग की गई है कि पार्लियामेंट को भंग किया जाए। नेपाल में कानून व्यवस्था की बहुत बुरी स्थिति है। नेपाल की भ्रष्ट सरकार के खिलाफ युवाओं के अंदर जो गुस्सा था, यह आंदोलन इसका विस्फोट हुआ है। इस आंदोलन में जेन जी जनरेशन के साथ नेपाल के लोकतंत्र से ना खुश लोगों ने भी जमकर विरोध किया। उनमें क्रिमिनल ग्रुप्स के साथ नेपाल की संप्रभुता को नही चहाने इंटरनेशनल प्लेयर का अपना अलग इंट्रेस्ट है। नेपाल में आज इंटरनेशल इंट्रेस्ट ग्रुप भी अपनी भूमिका निभा रहे है। नेपाल मे जिस तरह से कानून व्यवस्था थी उससे इनको मौका मिल गया। चीन का भी दूसरा इंट्रेस्ट है इसमें विभिन्न प्रकार के इंट्रेस्ट ग्रुप भी प्ले कर रहे हैं। नेपाल में आज की जो स्थिति है उसमें जेन जी जेनरेशन को लोग ही इस तरह का हिंसक प्रदर्शन और उत्पात कर रहे, यह कहीं से नहीं लगता है। इस पूरी घटना के बाद नेपाल 10 साल पीछे चला गया। मुझे तो इसमें लग रहा है कि चीन का भी इंट्रेस्ट हो सकता है मेरा निजी तौर पर मानना है कि इसमें इंडिया का भी कुछ हो सकता है।
इंडिया और ओली सरकार के बीच लिपुलेख और कालापानी को लेकर विवाद था। चीन और भारत ने लिपुलेख और कालापानी को लेकर जो समझौता किया था उसको लेकर पीएम केपी ओली ने भारी विरोध किया था। इंडिया में सरकार चला रहे लोगों को लगता है कि इतने छोटे प्रधानमंत्री हमसे टक्कर ले रहे हैं हम इन्हें दिखा देंगे। भारत के साथ नेपाल के रिश्ते हमारा रोटी-बेटी का नाता रहा है और यह आज भी कायम है। वहीं भारत और नेपाल की सरकारों के हित आपस में टकरा रहे हैं। ओली को लग रहा है कि मोदी को दिखा देंगे और मोदी को लग रहा है कि ओली को दिखा देंगे। इसमें आज की हालात के पीछे इस तरह के इंटेस्ट भी हो सकते है। नेपाल में जिस तरह से ओली सरकार में भष्टाचार था, देश मे बेरोजगारी चरम पर थी उससे युवाओं में गुस्सा था और आंदोलन के जरिए उसमें विस्फोट हुआ।
इस आंदोलन में इतना नुकसान हो गया है। जिस तरह से निजी संपत्ति मार्ट, होटल को जलाया गया, उसके स्थिति बहुत भयानक है, हर कोई डरा हुई है।