भोपाल।मध्यप्रदेश में तेरह हजार से ज्यादा प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरु हो गई है। लेकिन इसी के साथ शिक्षक वर्ग तीन भर्ती की प्रक्रिया में नियमों में बदलाव भी किए गए हैं जिसे लेकर कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व मंत्री कमलनाथ ने इन बदलावों को ‘अन्यायपूर्ण’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि जो बदलाव किए गए हैं उसके तहत 1 अगस्त तक डिग्री प्राप्त करने वाले ही परीक्षा में बैठने के पात्र होंगे, जबकि पहले काउंसलिंग के समय तक डिग्री पूरी करना अनिवार्य हुआ करता था। ऐसा करने से इस साल बीएड या डीएड परीक्षा देने वाले हज़ारों अभ्यर्थियों के अपात्र हो जाने की आशंका है। शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में नियमों के बदलाव पर कमलनाथ ने जताई आपत्ति मध्य प्रदेश में प्राथमिक शिक्षक (वर्ग 3) भर्तीकी प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही विवादों में घिर गई है। मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल द्वारा घोषित भर्ती के लिए नए नियमों को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर अभ्यर्थियों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया है। कमलनाथ ने कहा है कि ‘मध्य प्रदेश में पहले से ही नौकरियों का अकाल है और सरकारी भर्ती निकलती भी है तो उसमें हजारों योग्य लोग सरकार की लालफीताशाही और मनमानी की भेंट चढ़ जाते हैं।’ उन्होंने कहा कि नियमों में जो बदलाव किए गए हैं उस कारण हजारों अभ्यर्थियों के अपात्र हो जाने की संभावना है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की स्पेन यात्रा का तीसरा दिन, बार्सिलोना में वैश्विक कंपनियों से निवेश और तकनीकी सहयोग पर चर्चा सरकार से की ये मांग कमलनाथ ने सरकार से मांग की है कि भर्ती प्रक्रिया की गंभीर स्थिति का संज्ञान ले। उन्होंने कहा कि वैसे ही सरकारी नौकरियां कम निकलती हैं। उनके विज्ञापन तो आ जाते हैं, लेकिन परीक्षाएं समय पर नहीं होतीं, रिजल्ट लटक जाते हैं और नियुक्ति पत्र सालों तक अटके रहते हैं। ऐसे में जब शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई है किसी भी विषय के साथ भेदभाव न किया जाए और न ही ऐसा बंधन लगाया जाए जिससे हजारों अभ्यर्थी आवेदन करने से ही वंचित रह जाएं। उन्होंने सरकार से नियमों के किए गए बदलावों को रद्द करने की मांग की है।